Tag: कवि बाल्मीकि

मेरे राम वे हैं, जो शबरी के राम हैं ……..

मेरी दृष्टि में राम सृष्टि भर के जनक, पालक और ज़रूरत पड़ने पर संहांरक भी हैं। त्रिलोक कौशिक हम सब स्वतंत्र हैं इस राम- रसायन को जैसे उचित समझें धारण…