मेरे आंसू जनता के आंसू जबकि प्रधानमंत्री के आंसू फर्जी : राकेश टिकैत
-कमलेश भारतीय मेरे आंसू जनता के आंसू थे और दिल से बहे थे जबकि प्रधानमंत्री के आंसू फर्जी और दिमाग से निकले थे । इसलिए इनका कोई असर किसी पर…
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-कमलेश भारतीय मेरे आंसू जनता के आंसू थे और दिल से बहे थे जबकि प्रधानमंत्री के आंसू फर्जी और दिमाग से निकले थे । इसलिए इनका कोई असर किसी पर…