Tag: डॉ. प्रियंका सौरभ

संघर्ष की गाथा भूली, तस्वीरों की दुनिया में खोया युवा ….

आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि युवा वर्ग केवल फ्रेम और क्लिक की दुनिया में सिमटकर न रह जाए। क्षणभंगुर छवियाँ उसे आकर्षित करती हैं, परंतु इतिहास और…

“कार्यस्थल पर मर्यादा ही असली शिक्षा” ………….. सुरक्षित कैंपस, सम्मानजनक कार्यस्थल

शिक्षण संस्थान ज्ञान देने के साथ-साथ आदर्श आचरण के केंद्र भी होते हैं। लेकिन जब यहां कार्यरत महिला शिक्षिकाएं असुरक्षा, अशोभनीय व्यवहार और अनुचित दबाव का सामना करती हैं, तो…

जन्माष्टमी विशेष : मोरपंख, मुकुट और बांसुरी से आगे — बच्चों के मन में कान्हा के संस्कार बोने का अवसर

कान्हा बनाना केवल मोरपंख और मुकुट पहनाना नहीं, बल्कि बच्चों में प्रेम, साहस, करुणा और रचनात्मकता के बीज बोना है। आधुनिक कान्हा वह है जो तकनीक का सही उपयोग करे,…

स्वतंत्रता का अधूरा आलाप : “आज़ादी केवल तिथि नहीं, एक निरंतर संघर्ष है ……..

यह सिर्फ़ झंडा फहराने का अधिकार नहीं, बल्कि हर नागरिक को समान अवसर और सम्मान देने की जिम्मेदारी है। जब तक यह जिम्मेदारी पूरी नहीं होती, हमारी स्वतंत्रता अधूरी है।”…

अलविदा रजिस्टर्ड डाक — एक युग की ख़ामोश विदाई

डॉ. प्रियंका सौरभ एक सितंबर दो हज़ार पच्चीस को जब भारत डाक की रजिस्टर्ड डाक सेवा औपचारिक रूप से समाप्त कर दी जाएगी, तो संभवतः किसी समाचार पत्र के मुख्य…

रक्षाबंधन के बदलते मायने: परंपरा से आधुनिकता तक

रक्षाबंधन का धागा सिर्फ कलाई पर नहीं, दिल पर बंधता है। यह एक वादा है—साथ निभाने का, सुरक्षा का, और बिना कहे समझ लेने का। बहन की राखी में वो…

प्रलोभन का परिणाम: जब प्रकृति निगलने लगती हैं

भारत में नदियों, पहाड़ों और जल स्रोतों के साथ हो रहा खिलवाड़ अब आपदाओं का कारण बन रहा है। लालचवश लोग नदियों के पाट में मकान और पहाड़ों पर रिसॉर्ट…

रिश्तों की हत्या का आधुनिक ट्रेंड : नौकरी लगते ही पतियों को छोड़ रही हैं आधुनिक औरतें ……..

“रोज़गार मिला, रिश्ते छूटे,जिसने पढ़ाया, वही पराया हो गया” विवाह अब त्याग और समर्पण की बजाय स्वार्थ और स्वतंत्रता की शरण में चला गया है। अनेक मामले सामने आ रहे…

जब बच्चों की शिक्षा पर भारी पड़ता है पाखंड

भारत में बच्चों की शिक्षा को लेकर सबसे बड़ा संकट केवल गरीबी या संसाधनों की कमी नहीं, बल्कि धार्मिक पाखंड है। कुछ स्वयंभू बाबाओं द्वारा शिक्षा को अपवित्र, स्त्रियों के…

“स्क्रीन का शिकंजा: ऑस्ट्रेलिया से सबक लेता भारत?”

ऑस्ट्रेलिया ने 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए यूट्यूब समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने का साहसिक फैसला लिया है। यह कदम बच्चों को ऑनलाइन…