Tag: -डॉ प्रियंका सौरभ

हरियाली तीज: परंपरा की जड़ें और आधुनिकता की डालियाँ

हरियाली तीज केवल श्रृंगार, झूला और व्रत का पर्व नहीं, बल्कि भारतीय स्त्री के आत्मबल, प्रेम और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। आधुनिकता की दौड़ में यह त्योहार भले…

“सात शव और एक सवाल: हम सब कब जागेंगे?”

“मरते एक हैं, दोषी हम सब हैं” “मौन अपराध है: पंचकूला की त्रासदी से सीख” “हर आत्महत्या एक पुकार है, क्या हम सुन रहे हैं?” “जब रिश्ते रह गए सिर्फ़…

कोचिंग सेंटरों को माफिया करार करके प्रतिबन्ध की जरूरत

देश भर में नियम विरुद्ध कोचिंग सेंटरों का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। सरकार ने कोचिंग संस्थान चलाने के लिए कोई ठोस बिल या नियम तक नहीं बना रखे…

तीर्थयात्रा खुद की खोज एक समग्र अनुभव है

धार्मिक तीर्थ स्थल भी लोगों के लिए प्रेरणा और प्रेरणा का स्रोत हो सकते हैं, जो इन अनुभवों से दूर आकर आध्यात्मिक संतुष्टि और दूसरों के साथ संतुष्टि की भावना…