हिंदुस्तान के लिए जैसे मिल्खा थे वैसे ही पाकिस्तान के लिए अब्दुल खलीक थे।
बंटवारे के जखम ने बड़े भाई की सोहबत ने डकैत की जगह सिपाही बना दिया मिल्खा को ।पाकिस्तान जाने की झिझक को नेहरू की समझाइस ने किया खत्म।मिल्खा बोल पड़े…
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बंटवारे के जखम ने बड़े भाई की सोहबत ने डकैत की जगह सिपाही बना दिया मिल्खा को ।पाकिस्तान जाने की झिझक को नेहरू की समझाइस ने किया खत्म।मिल्खा बोल पड़े…