“एक बार विधायक, उम्रभर ऐश!” : “5 साल की कुर्सी बनाम 60 साल की नौकरी: पेंशन का पक्षपात”
एक कर्मचारी 60 साल काम करने के बाद भी पेंशन के लिए तरसता है, जबकि एक नेता 5 साल सत्ता में रहकर जीवनभर पेंशन पाता है। यह लोकतांत्रिक समानता के…
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एक कर्मचारी 60 साल काम करने के बाद भी पेंशन के लिए तरसता है, जबकि एक नेता 5 साल सत्ता में रहकर जीवनभर पेंशन पाता है। यह लोकतांत्रिक समानता के…
(अंबेडकर जयंती विशेष) लोकतंत्र केवल अधिकारों का मंच नहीं, बल्कि नागरिकों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का साझेधार भी है। भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में नागरिकों की भूमिका…
संसद में शोर-शराबा, वेल में जाकर नारेबाज़ी करना, एक-दूसरे पर निजी कटाक्ष करना यहां तक कि कई बार हाथापाई पर उतारू हो जाना आज संसद की आम तस्वीर है। आखिर…
चंडीगढ़– समझ नही आ रहा कि जिन अंग्रेजो ने छलकपट कर सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत देश को 100 साल तक गुलाम बनाये रखा । और उस गुलामी…