धर्म एवं संस्कृति राष्ट्र के निर्माण, राष्ट्रीयता के संरक्षण में सहायक: शंकराचार्य नरेंद्रानंद
धर्म हमारे सर्वस्व का प्रतीक है, तो वहीं संस्कृति हमारी स्वाभाविक जीवनशैली. भारत की पहचान धर्म एवं संस्कृति से ही ये दोनों एक-दूसरे के पूरक. धर्म का सूत्र मानव के…