मौजूदा शिक्षा पद्धति, देश के लिए अभिशाप सिद्ध हो रही: शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द
ऐसी शिक्षा से आदर्श व्यक्तित्व के निर्माण की कल्पना संभव ही नहींमन का मताधिकार, पूर्वाग्रह, कट्टरता से मुक्ति और साहस आवश्यकराधाकृष्णन ने धर्मों के आध्यात्मिकख् नैतिक शिक्षण का प्रयास किया…