Tag: सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC)

अंततः देश में जाति जनगणना: प्रतिनिधित्व या पुनरुत्थान?

भारत में दशकों से केवल अनुसूचित जातियों और जनजातियों की गिनती होती रही है, जबकि अन्य जातियाँ नीति निर्माण में अदृश्य रहीं। जाति जनगणना केवल गिनती नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय…