सत्ता, धन दौलत और बल का कभी अभिमान नहीं करें :शंकराचार्य नरेंद्रानंद
सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं , सत्ता जनसेवा के लिए ही होती लोकतंत्र में सबसे बड़ी सत्ता व इस की चाबी आम मतदाता के पास मतदाता के विश्वास के…
A Complete News Website
सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं , सत्ता जनसेवा के लिए ही होती लोकतंत्र में सबसे बड़ी सत्ता व इस की चाबी आम मतदाता के पास मतदाता के विश्वास के…