बात का बतंगड़, तिल का ताड़, राई का पहाड़ : एक गहरी समझ
सभाओं में बातों के मूल विषय को अपने फायदे के अनुसार तोड़ मरोड़कर उसका भाव या अभिप्राय बदलने से बचने की ज़रूरत – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं आजकल समाज में…
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सभाओं में बातों के मूल विषय को अपने फायदे के अनुसार तोड़ मरोड़कर उसका भाव या अभिप्राय बदलने से बचने की ज़रूरत – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं आजकल समाज में…
भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि अनेक स्वास्थ्य क्षेत्रों का तेजी से वैश्वीकरण हो रहा है तथा समकालीन प्रौद्योगिकियों का प्रभाव बढ़…
प्लास्टिक खिलौनों के बढ़ते प्रचलन को रोककर स्वदेशी शिल्प, स्वदेशी खिलौनों के उपयोग को बढ़ावा देने की ज़रूरत – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं खिलौने न केवल बच्चों के खेलने का…
यूपीएस में स्विच करना एक बार तय हो जाने के बाद अंतिम और बाध्यकारी माना जाता है। यूपीएस को पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा जारी किए गए…
बढ़ते एकल परिवारों ने हमारे समाज का स्वरूप ही बदल दिया। आजकल के बच्चों को वो संस्कार और अनुशासन नहीं मिल रहे है जो उन्हें संयुक्त परिवारों से विरासत में…
जनप्रतिनिधियों की सदनों में लगातार अव्यवस्था का बढ़ना राष्ट्रीय चिंता का विषय है लगातार कई संसद सत्रों के हंगामे की भेंट चढ़ने से जनता का विश्वास घटा- सत्ता पक्ष व…
लांबा के समर्थन में आयोजित रोड शो में शामिल होकर न्याय और विकास के लिए मांगे वोट दिल्ली, 30 जनवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं…
भ्रष्टाचारी लाख करे चतुराई, कर्म का लेख मिटे ना रे भाई भ्रष्टाचार: एक खतरनाक बीज जो जीवन को तबाह करता है – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी वर्ष 1957 में प्रदर्शित…
आमजनों को संगम स्नान के लिए 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलना पडे और वीआईपी चमचमाती लग्जरी गाडियों में फर्राटे से स्नान के लिए जाये, यह भाजपा सरकार व प्रशासन…
एक पौराणिक शहर की सीमाओं पर विचार करना चाहिए, जिसे अपनी धार्मिक विरासत को बनाए रखते हुए आठ करोड़ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। दस…