दूसरों से बदला लेते लेते हम समाज में बदलाव लाना भूल गये : रमेश शर्मा
-कमलेश भारतीय दूसरों से बदला लेने लेते हम समाज में , देश में बदलाव लाना ही भूल गये । हम प्रकृति से , समाज से और देश से बदला लेने…
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-कमलेश भारतीय दूसरों से बदला लेने लेते हम समाज में , देश में बदलाव लाना ही भूल गये । हम प्रकृति से , समाज से और देश से बदला लेने…
-कमलेश भारतीय दंगों से भरा अखबार मेरे हाथ में है पर नजरें खबरों से कहीं दूर अतीत में खोई हुई हैं । धर मुंह में लार टपकती उधर दादी मां…
-कमलेश भारतीय साहित्य का समाज स्थान तो है लेकिन अब आमजन के घरों में इसका प्रवेश निषेध जैसा है । पहले आमजन के घरों में कोई न कोई पत्रिका या…
-कमलेश भारतीय सतयुग से कलयुग तक महिलाओं की स्थिति में बहुत बदलाव आए हैं और ‘सरस्वती सुमन’ पत्रिका के नारी विशेषांक ( साहित्य में नारी संवेदनाओं की अभिव्यक्ति ) इन्हीं…
रोहित यादव बहू – बेटे में झगड़े की आवाज सुनकर शीला बाहर से कमरे में आई और बेटे आकाश से पूछा कि बहू से क्यों झगड़ा कर रहा है ?…
रोहित यादव राधा की हालत आज कुछ ज्यादा ही बिगड़ गई थी। काफी दवा-दारु करने के उपरांत भी उसकी बेहोशी नहीं टूट रही थी। राधा को इस हालत में देखकर…
-कमलेश भारतीय गीतांजलिश्री के हिंदी उपन्यास ‘रेत समाधि’ को मिले बुकर पुरस्कार से कुछ सवाल उठ खड़े हुए हैं जिन पर विचार होना चाहिए । इतना बड़ा पुरस्कार हिंदी उपन्यास…
-कमलेश भारतीय पंजाब के संभवतः आजकल के सबसे चर्चित युवा गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से अनेक मुद्दे और सवाल उठ रहे हैं । क्या मूसेवाला गन कल्चर…
तिलस्म रात के गहरे सन्नाटे में किसी वीरान फैक्ट्री से युवती के चीरहरण की आवाज सुनी नहीं गयी पर दूसरी सुबह सभी अखबार इस आवाज को हर घर का दरवाजा…
-डॉ. पवन सिंह मलिक 30 मई ‘हिंदी पत्रकारिता दिवस’ देश के लिए एक गौरव का दिन है। आज विश्व में हिंदी के बढ़ते वर्चस्व व सम्मान में हिंदी पत्रकारिता का…