Category: साहित्य

अपने काम को निष्पक्षता से अंजाम देती रहूं , बस इतना सा ख्वाब है : सोनल दहिया

–कमलेश भारतीय गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय के जनसंचार विभाग की पूर्व छात्रा और आजकल इंडिया न्यूज में एंकर सोनल दहिया को हाल ही में मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवाॅर्ड मिला तो ज़ोरदार…

जो साहित्य अच्छा लगता है , उसे शेयर करने की कोशिश : ऋतु सिह

-कमलेश भारतीय जो साहित्य मुझे अच्छा लगता है , उसे वीडियो और यूट्यूब के माध्यम से लोगों तक शेयर कर देती हूं क्योंकि अब साहित्य को फैलाने का यह बढ़िया…

चेहरे पर मुस्कान और जीवन का खेल जारी

-कमलेश भारतीय जी हां , कोरोना की महामारी के चलते हमारे कितने ही मित्र बिछुड़ते जा रहे हैं । दुख होता है । उदासी छा जाती है । दिन भर…

सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ आचार्य पुरस्कार पाकर आचार्य विनय मिश्र ने किया महाविद्यालय का नाम रोशन: प्रहलाद सिंह

हांसी । मनमोहन शर्मा हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2017 के पंडित युधिष्ठिर मिमासक सम्मान के लिए भिवानी के श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य आचार्य विनय मिश्र को चयनित…

हरियाणा संस्कृत अकादमी ने वर्ष 2017, 2018 के लिए संस्कृत के साहित्यकारों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की

चंडीगढ़, 24 अप्रैल- हरियाणा संस्कृत अकादमी ने वर्ष 2017 तथा वर्ष 2018 के लिए संस्कृत के साहित्यकारों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की है। अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री…

उम्मीद है तो सब है, कोरोना काल में न छोडे उम्मीद की डोर, हाथ से हाथ थामकर चलने का है समय

दीप्ति अंगरीश उम्मीद। सिर्फ एक शब्द नहीं एक अहसास, एक खुशी, एक ऊर्जा, एक सकरात्मक संचार है। भगवान से तो हम सभी उम्मीदें लगाए रहते हैं। कुछ परेशानी होगी तो…

आशु कवि प्रतियोगिता में केसरी प्रथम पुरस्कार पावटा के राधेश्याम को, दुलीचंद रहे दूसरे स्थान पर।

भारत सारथी/ कौशिक नारनौल । गत रात्री तीन अप्रैल को गोमला में आयोजित आशुकाव्य-प्रतियोगिता में नौ प्रतिभागी कवियों में से जयपुर के पावटा से आए आशुकवि राधेश्याम पावटा ने आशुकवि-केसरी…

आशुकाव्य-विधा हरियाणा और राजस्थान के अलावा कहीं अन्य नही -राधेश्याम गोमला

भारत सारथी/कौशिक नारनौल । आगामी तीन अप्रैल को आदर्श गाँव गोमला में एक आशुकवि प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है । सांस्कृतिक विरासत मंच द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में…

दूसरों के लिए ख्वाब बुनता है कवि

कमलेश भारतीय जी हां । कवि या रचनाकार को अपने लिए नहीं दूसरों के लिए ख्वाब बुनने होते हैं यानी समाज के लिए । वह स्वार्थ से बहुत ऊपर होता…