Category: साहित्य

हम जो कुछ भी हैं वह हमारी सोच का परिणाम है….

औपनिवेशिक शासन के समय जब हर कोई बिना किसी नए विचार के अपने जीवन और नींद में व्यस्त था, उस समय हमारे स्वतंत्रता सेनानी ब्रिटिश सरकार से आजादी पाने के…

क्लासिक किरदार ……… निरीह पति जगपति

क्लासिक किरदार ……… निरीह पति जगपति किरदार : दैनिक ट्रिब्यून का एक ऐसा काॅलम जिसमें अनेक किरदार लिखे । इनमें से एक जगपति भी जो कमलेश्वर की कहानी ‘राजा निरबंसिया’…

जिंदगी की धूप में छाया हैं पिता

डॉ कामिनी वर्मा धीर,गंभीर ,दृढ,शांत स्वरूप वाले पिता परिवार का वह स्तंभ होते है जो किसी भी झंझावात से टकराकर संतान को सुरक्षित रखते हैं।संतान का पथप्रदर्शक बनकर हर पल…

तलाक नहीं है वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान

डॉ मनोज कुमार तिवारी वरिष्ठ परामर्शदाता , ए आर टी सेंटर, एसएस हॉस्पिटल, आईएमएस, बीएचयू वाराणसी परिवार समाज की और समाज राष्ट्र की महत्वपूर्ण इकाई है। परिवार के निर्माण में…

4 अप्रैल माखनलाल चतुर्वेदी जयंती पर विशेष- प्रखर राष्ट्रवादी कवि शिरोमणी : पंडित माखनलाल चतुर्वेदी

– सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” एक लेखक या कवि, बड़ा या महान कैसे होता है? इसके साथ ही अहम सवाल यह है कि उसने अपने समय और आसपास के साथ…

बुरा ही बुरा कयों दिखता है : हरिशंकर परसाईं

यादों की धरोहर पुस्तक में से । हरिशंकर परसाई के साक्षात्कार का अंश -चयन : कमलेश भारतीय एक आरोप मुझ पर लगाया जाता है कि मुझे बुरा ही बुरा क्यों…

कैसे लग जाते हैं विचारों को पंख?

हमारे लिए लिखना जरुरी क्यू हैं? सागर की बड़ी –बड़ी लहरें आपको उन्माद से भर जाती हैं। आप लहरों संग ऊपर –नीचे करने लगते हो। समुद्र में उतरने से ही…

सफल जीवन का मूल मंत्र है, माफ करो और भूल जाओ ;
   वानप्रस्थ की गोष्ठी में चर्चा

वीना भारद्वाज को वीना अग्रवाल बनने में दो साल का कठिन समय लगा। अजीत सिंह हिसार, 10 नवम्बर। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत उनके पिता उनका विवाह अग्रवाल परिवार में नहीं…