महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बलराज कुंडू ने फिर उठाए जनहित से जुड़े मुद्दे
गठबंधन सरकार के सुशासन के दावों पर सदन में गूंजे तीखे व्यंग्य
ई-गवर्नेन्स और कर्मचारियों के हकों को लेकर कुंडू ने उठाई आवाज

चंडीगढ़, 4 मार्च : जनसेवक मंच के संयोजक एवं महम से आजाद विधायक बलराज कुंडू ने आज सदन में महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान जनहित से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार पर करारा हमला बोला। गठबंधन सरकार के सुशासन के खोखले दावों पर तीखे कटाक्ष किए और ई-गवर्नेन्स एवं डिजिटलाइजेशन की जमीनी सच्चाई से अवगत करवाते हुए सवाल खड़े कर किसानों का दर्द भी सदन में सुनाया। कुंडू ने कहा कि सरकार का यह कैसा सेटेलाइट है जिसे किसान की जलती हुई पराली तो नजर आ जाती है लेकिन बर्बाद हुई फसलें क्यों दिखाई नहीं देती ? जब पराली जलाने के भारी भरकम चालान सेटेलाइट इमेज देख कर किसानों को भेजे जाते हैं तो उनकी बर्बाद हुई फसलों के आंकलन करने में सरकार का यह सैटेलाइट फेल क्यों हो जाता है ? क्यों सेटेलाइट के जरिए जमीनी हकीकत देखने की बजाय पटवारियों एवं गिरदावर की ड्यूटी लगाई जाती है जो मौके पर जाकर हालात जानने की बजाय किसी एक जगह पर बैठकर अपनी मनमर्जी से खानापूर्ति करके चले जाते हैं और खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है।
बलराज कुंडू ने सरकार के सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास के दावे पर भी तीखे व्यंग्य किये और मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस और ई-गवर्नेन्स की भी खूब बखिया उधेड़ी। उन्होंने कहा कि सिर्फ 1-2 लोगों ने पूरे सिस्टम को हाथ में लिया हुआ है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की बात करने वाली सरकार बताए कि टीचर्स के 38,476 से ज्यादा पद खाली क्यों पड़े हैं और क्यों स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों और नर्सों के 10 हजार से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं ? बिना अध्यापकों के आखिर कैसे प्रदेश के बच्चों को शिक्षा मिलेगी ? बिना डाक्टरों और नर्सों के कैसे लोगों का ईलाज होगा ? क्या गठबंधन सरकार का यही सुशासन है ?
कुंडू ने सरकार पर तीखा जुबानी हमला बोलते हुए सवाल किया कि किसानों पर लाठियां बरसाने का यह कैसा सुशासन है ? नौकरियां में सरेआम रिश्वतखोरी चल रही है और नोटों की अटैचियां पकड़ी जा रही हैं यह कैसा सुशासन है ? उन्होंने कहा कि प्रदेश में घोटालों पर घोटाले हो रहे हैं। शराब घोटाला, फसल खरीद घोटाला, खाद घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला और टेंडर्स में चल रहे घोटालों का यह कैसा सुशासन है ? प्रदेश में बढ़ते अपराध का यह कैसा सुशासन है जिसमें रोज हत्या लूटपाट डकैती बलात्कार हो रहे है ?
कुंडू ने कर्मचारी वर्ग की मांगों को लेकर भी सरकार पर तीखे हमले किये और कहा कि यह कैसा सुसाशन है जिसमें आंगनवाड़ी कर्मचारी, लिपिकीय वर्ग, रोडवेज कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, लेक्चरर, क्लेरिकल स्टाफ, ठेका कर्मचारी, आशा वर्कर्स समेत अनेक विभागों के कर्मचारियों को अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर लाठियां खाकर वाटर कैनन का सामना करते हुए संघर्ष करना पड़ रहा है।
हरियाणा का नाम विश्व में रोशन करने वाली एवरेस्टर अनिता कुंडू के साथ प्रमोशन में हो रहे अन्याय के मामले को उठाते हुए उन्होंने खेलों और खिलाड़ियों की आवाज भी बुलंद की और अनिता को खेलों का ब्रेंड एम्बेसडर बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी को अपनी गठबंधन सरकार की कार्यप्रणाली पर चिंता करनी चाहिए और ई-गवर्नेन्स और सुशासन की जमीनी हकीकत देखकर सुधार करना चाहिए ताकि प्रदेश के किसानों से लेकर कर्मचारी, व्यापारी समेत सभी दुखी हो चुके वर्गों का कुछ भला हो सके।
बलराज कुंडू ने बुजुर्गों की पेंशन काटने को गलत बताते हुए कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन योजना को लेकर भी सदन में मजबूती से आवाज उठाते हुए तुरन्त प्रभाव से पुरानी पेंशन योजना को दौबारा से लागू करने की मांग उठाई।