सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन, कोर्ट सहित अन्य विकल्प ग्रामींणों के सामने माौजूद.
देेहात सहित ग्रामींणों की लड़ाई अब अपनी आगामी नसल और फसल बचाने की.
प्रस्तावित एसटीपी किसी भी कीमत पर नमंजूर और न ही बनाने दिया जाएगा.
26 मार्च को राव इंद्रजीत मौैका मुआयना, हालात का जायजा लेने कोे पहुचेंगे
फतह सिंह उजाला
पटौदी । पूर्व एमएलए एवं जजपा नेता के पैतृक गांव गांव महचाना की चरगाह/बनी में पांचयत भूमि पर बनने वाले एसटीपी के पानी और प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामींणो का टूक कहना है कि, गठबंधन सरकार ने अपनी मनमानी की तो फिर भाजपा-जजपा सहित सरकार को खामियाजा भुगतने के लिए भी तैैयार रहना होगा। प्रस्तावित एसटीपी किसी भी कीमत पर न तो मंजूर है और न ही इसको बनाने दिया जाएगा। इसके लिए सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन, कोर्ट सहित अन्य सभी विकल्प ग्रामींणों के सामने खुले है। ग्रामींणों का गुस्सा-रोष, और अधिक बढ़े, इससे पहले शासन-प्रशासन को अपनी आंखे-कान खोल लेने चाहिये। महचाना के आस पास के दर्जनों गांव में सिचाई की योजना व् लुहारी माइनर में एसटीपी के पानी को डालने की योजना के विरोध में ग्रामिणों ने अपना खुला विरोध संडे को मीडिया के सामने दर्ज किया है। अब ग्रामींणों के सामने बड़ा आंदोलन से पहले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का एसटीपी प्रोजेक्ट लोकेशन पर 26 मार्च को पहुंचकर मुआयना कर हालात का जायजा लेने का अंतिम विकल्प ही बचा रह गया है।
संडे को बाबा बनखंडी धाम में मीडिया के सामने ब्रहम सिंह, कवरपाल, संजीव चौहान, कृष्ण सिंह, एडवोकेट यशपाल फरीदपुर, ब्लाक समिति सदस्य धर्मेंद्र खंडेवला, बसंत मुशैदपुर, श्रीपाल कप्तान, कारौला, प्रमोद सांभ्रवाल, सुमित डागर, रमंेश राठी, सत्य प्रकाश कौशिक, किशन माास्टरजी, जगदीश, रामभज, भीम सिंह, राजबीर सहित आसपास के ग्रामींणों ने एसटीपी स्थापित क्षेत्र-शहरों के दुुष्प्रभावों के उदाहरण देते कहा कि, हमारी लड़ाई…आने वाली नसल और अपनी फसन बचाने के लिए जारी रहेगी। यहां विभिन्न वक्ताओं ने बताया कि एसटीपी के पानी से सिचाई के प्रोजेक्ट को लेकर 3 दिसंबर 2021 को सिचाई विभाग झज्जर की एक टीम सीनियर अधिकरियों सहित गांव महचाना, बाबा बनखंडी व् आस पास के कई गावो में आयी थी। उन्होंने सिचाई विभाग के प्रोजेक्ट के बारें में बताया, जिस प्रोजेक्ट में गुरुग्राम का गन्दा पानी एसटीपी के माध्यम से शोधित करके गांव महचाना की चरागाह की भूमि पर बड़े-बड़े तालाब बनाकर इक्क्ठा किया जाना है और उसी पानी को आस पास के दर्जनों गांव खंडेवला, तिरपड़ी, जाटोला, जोनियावास, बसुन्डा, दाबोदा, फरीदपुर, महचाना, कारोला, राजूपुर, गुगाना अलीमुद्दीनपुर, बिरहेरा, सिवाड़ी की तरफ के गांव इत्यादि में पहुंचाया जायेगा । इसके अलावा अन्य गावो में छोटे बूस्टर बना कर सिचाई के लिए भेजा जायेगा।
महचाना की चरागाह भूमि से ही पाइपलाइन के माध्यम से एसटीपी शोधित पानी को लुहारी माइनर में छोड़ा जायग। लुहारी माइनर को लुहारी सीमा के पास दो हिस्सों बाट दिया जायेगा। लुहारी की तरफ नहरी पानी होगा व् महचाना, खंडेवला, फरीदपुर की और जाने वाली नहर में एसटीपी का पानी छोड़ दिया जायेगा। यह सब सिचाई विभाग के अधिकारियो द्वारा दी गयी जानकारी है। इन्ही अधिकारियो ने आस पास के दर्जनों से ज्यादा गावो की दो बार बैठक बाबा बनखंडी पर बुलाई व् सभी गावो को इस प्रोजेक्ट के बारें में बताया । इसी प्रोजेक्ट के माध्यम से मुफ्त में फुव्वारे बाट कर किसानो को अपने पक्ष में करने का प्रयास सिचाई विभाग द्वारा किया जा रहा है। गांव महचाना के लोगो को जब इस प्रोजेक्ट के बारें में पूर्ण रूप से संज्ञान हुआ तो 16 जनवरी ,2022 को गांव महचाना में ही पंचायत बुलाई गयी। सभी के विचार विमर्श के बाद इस प्रोजेक्ट का विरोध होना शुरू हुआ। विरोध को आगे बढ़ाने व् प्रोजेक्ट को रद्द करवाने हेतु एक कमेटी बनाई गयी।शीघ्र ही अन्य सभी प्रभावित गांव इस विरोध की मुहीम अब जन आंदोलन का रूप लेने लगी है।
इस प्रोजेक्ट का इन कारणों से विरोध शुरू
सिचाई के लिए जो पानी दिया जायेगा वो एसटीपी का शोधित पानी होगा जैसा की स्वयं सिचाई विभाग के अधिकारियो द्वारा बताया गया की वह पानी पशुओ के पीने योग्य भी नहीं होगा। आप सभी जानते है की भारत के अंदर एसटीपी का पानी कितना शोधित होता है। जब वह जहरीला पानी सिचाई के माध्यम से सभी खेतो में पहुंचेगा तो धीरे धीरे जमींन को जहरीला व् बंजर करना शुरू कर देगा। फसल भी जहरीली उत्तपन्न होगी।और भूमिगत जल भी जहरीला हो जायेग। वो धीमा जहर जब धीरे धीरे असर दिखायेगा तो कैंसर जैसे बीमारी इलाके में बहुतायत में होना शुरू होगी। कुछ वर्षाे पहले सरकार ने भारी व्यय करके आस पास के गांव के तलाबो को नहरी पानी से जोड़ा था। एसटीपी का पानी माइनर में छोड़े जाने से सारे जोहड़ नहरी पानी से कट जायेंगे। एसटीपी का पानी इन जोहड़ों में पहुंचेगा व् तेज गति से भूमिगत जल को जहरीला करेगा।
पंचायती भूमि मुफ्त में ली जायगी
इसमें महचाना गांव की सारी चरागाह की भूमि व् अन्य गांव से भी पंचायती भूमि मुफ्त में ली जायगी। सभी प्रभावित गांव के लोग इस तरह के नुकसान देह प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमींन देने के पक्ष में नहीं है। इस तरह का प्रोजेक्ट क्षेत्र में लेकर इलाके को गुरुग्राम का डंप यार्ड बनाने की कोशिश हो सकती है। भारी मात्रा में आने वाले एसटीपी के पानी को नियंत्रित करना बड़ा कठिन होता है। जैसे की बसई, धनवापुर में अनियंत्रित होकर पानी कई किलो मीटर तक फैला है। वही स्थिति गौचर भूमि के आस पास के किसानो व् बिरहेरा मोड़ मार्किट की हो सकती है। एसटीपी के पानी से आने वाली दुर्गन्ध से भारी मात्रा में वायु प्रदूषित होगी। ढाणी महचाना , राजूपुर , आलमदी की ढाणी, बिरहेरा मोड़ , बाबा बलदेव दास स्कूल इत्यादि सीधे इससे प्रभावित होंगे।