-गुरुग्राम विवि में हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम आयोजित
गुरुग्राम। गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के सभागार में हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2079 के उपलक्ष्य में नूतन वर्षाभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के फार्मास्यूटिकल विज्ञान विभाग द्वारा किया गया।
इस अवसर पर हरियाणा के सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रखर वक्ता विजय कुमार ने मुख्य वक्ता, अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी बबीता फोगाट मुख्य अतिथि, श्री विश्वकर्मा कौशल विवि के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। विवि. के एम फार्मा के छात्र शिवम के कंठ से निकले मधुर देशभक्ति गीत भारत माता तेरा आंचल ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य अतिथि बबीता कुमारी फोगाट ने सभी को भारतीय नववर्ष की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हम सबको भारतीय नववर्ष मानना चाहिए। हमें अपने बच्चों सहित आज की युवा पीढ़ी को हिंदू नववर्ष के महत्व के बारे में बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने देश की मिट्टी की बात ही निराली है। भारतीय नववर्ष हमारी संस्कृति और सभ्यता की पहचान है। जो हमें भारतीय गरिमा में निहित अध्यात्म व विज्ञान पर गर्व करने का अवसर प्रदान करती है।
मुख्य वक्ता सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार ने सभी को हिंदू नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। चैत्र शुक्ल वर्ष प्रतिपदा को ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। उक्त कारण उस दिन नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने इस पर देश और प्रकृति में होने वाले परिवर्तन के बारे में बताते हुए कहा कि हिंदू नववर्ष के समय हम प्रकृति का परिवर्तन अनुभव करते हैं। वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंध से भरी होती है। इस समय ऐसा लगता है मानो प्रकृति भी जैसे नए वर्ष के स्वागत के लिए तैयार है। फसल पकने का प्रारंभ यानी किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है। नया अनाज घर में आता है, तो किसानों का भी नया वर्ष और खुशहाली का समय होता है।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने इस शुभ अवसर पर सभी अतिथियों का विश्वविद्यालय परिसर में आने पर आभार व्यक्त करते हुए सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने भारतीय नववर्ष पर गर्व करना चाहिए, क्योंकि भारतीय नववर्ष राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है।