सरकार का उद्देश्य शिक्षकों को परेशान करने का है तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार न करके बल्कि शिक्षा का और भी बंटाधार करना है
कैथल, 27/11/2023 – जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 427 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता वीरभान हाबड़ी ने की,वीरभान हाबड़ी ने कहा कि जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी लगातार जारी रहेगा,हम सरकार से आग्रह करते है कि शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द करे। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला प्रधान ने कहा कि जनता के सभी वर्ग केंद्र और राज्य सरकार की आर्थिक एवं औद्योगिक विकास की नीतियों से परेशान है, बढ़ती हुई मंहगाई ने देश की जनता की कमर तोड़ दी है, रोजगार के धंधे चौपट हो गए है,देश के युवा अपनी जमीनों को ओने-पोने दामों पर बेच कर विदेशों में पलायन कर रहे है। जनता स्वास्थ्य और शिक्षा से वंचित की जा रही है, लेकिन मौजूदा सरकार इन सब मुद्दों का समाधान करने की अपेक्षा जाति, धर्म और सम्प्रदाय के नाम पर बांटने में लगी हुई है।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक रामशरण राविश ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा घोषित टीचर तबादला नीति टीचर और बच्चों के खिलाफ है, इससे शिक्षा में सुधार होने की अपेक्षा शिक्षा का स्तर में ओर भी गिरावट की आने वाली है, सरकार का उद्देश्य शिक्षकों को परेशान करने का है तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार न करके बल्कि शिक्षा का और भी बंटाधार करना है। तबादला नीति के पश्चात मुख्यमंत्री को समायोजित करने की पावर देना नीति को और भी उद्देश्यहिन बनाता है और इस नीति का लाभ उठाकर मुख्यमंत्री अपने चहेतों को मनमर्जी के मुताबिक फायदा पहुंचाना चाहते है, इससे पूर्व भी 2-2 वर्षों के लिए कई शिक्षक और शिक्षिकाओं को प्रतिनियुक्ति पर उनके मन मुताबिक स्टेशनों पर भेजा जा चुका है। यह नीति न्यायसंगत नहीं है।
इस अवसर पर जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के प्रैस प्रवक्ता सुरेश द्रविड़ ने कहा कि मौजूदा सरकार की भलाई इसी में है कि वह संवैधानिक नैतिकता और संवैधानिक दायित्व को निभाए, लोकतांत्रिक पद्धति और संस्थागत नेतृत्व के अभाव में या इससे धोखाधड़ी एवं खिलवाड़ करने से यह देश नैतिक रूप से पतन की ओर जा सकता है, सरकार द्वारा जबरदस्ती लोगों से असंवैधानिक आचरण करवाने के प्रयास किए जा रहे है । जन शिक्षा अधिकार मंच सरकार इस कार्रवाई की घोर निन्दा करता है। धरने पर आज जोगेंद्र सिंह, कलीराम प्यौदा, हजूर सिंह सौंगरी, मामचंद, सतबीर प्यौदा, आजाद सिंह, कर्मबीर, रविन्द्र, अशोक, पप्पू,जयपाल फौजी आदि भी उपस्थित थे।