-कमलेश भारतीय

क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि डाबड़ा चौक से रेलवे लाइन की ओर जाये मीनाक्षी काम्पलेक्स के साथ लगता पार्क सांपों का घर बना हुआ था । चारों ओर घास और कूड़ा कर्कट व गंदगी ही गंदगी ! इसके अंदर पैर रखना भी बड़ी हिम्मत का काम था । फिर भी गोबिंद नगर बस्ती की महिलाओं को सुबह शाम इसकी टोंटी से पानी भरने आना पड़ता । इसकी दुर्दशा पर नभछोर ने भी ध्यान दिलाया लेकिन नगर निगम अपने ही पार्क को ठीक करवाने आगे नहीं आया । प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंगी।

आखिरकार गोबिंद नगर बस्ती के श्याम ग्रोवर, रामपार, विजय गोपाल और स़जय ने इस पार्क को साफसुथरा बनाने का बीड़ा उठाया और यहां सफाई करते चार सांप पकड़े और कहीं दूर छोड़कर आये । भारतमाता पार्क से फूलों के पौधे लाये और रोप दिये । ‌इसे सही मायने में पार्क बनाने का अभियान चला दिया। श्याम ग्रोवर ने बताया कि गोबिंद बस्ती की महिलाओं ने भी पार्क को पार्क बनाने में पूरा सहयोग दिया । यहां से कूड़े कर्कट की दो ट्रालियां निकलीं, जिसे निगम की गाड़ियों से उठवाया !

शाबाश ! पर क्या नगर निगम जागेगा? अभी तो इसी पार्क के सामने दूसरे पार्क की वही हालत है, जो इसकी थी ।

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