भारत सारथी कौशिक

नारनौल। भाजपा नेता एवं हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल शरण गर्ग के समर्थन में सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने भाजपा पर्यवेक्षक पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी से स्थानीय होटल में मुलाकात कर उनके लिए नारनौल सीट से टिकट की मांग की।
सभी लोगों ने भाजपा पर्यवेक्षक से एक स्वर में कहा कि नारनौल विधानसभा सीट अग्रवाल समाज की परंपरागत सीट रही हैं। यहां से अग्रवाल समाज का उम्मीदवार पांच बार चुनाव जीत चुका है। उपस्थित कार्यकर्ताओं ने कहा कि गोपाल शरण गर्ग का कद बहुत बड़ा है और राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान है। उन्होंने कहा कि यदि गोपाल शरण गर्ग को नारनौल विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी अपना प्रत्याशी बनाती हैं तो 36 बिरादरी के सहयोग से उन्हें भारी मतों से जीता कर यह सीट भाजपा की झोली में डाल सकते हैं।
– भाजपा द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए घोषित 67 प्रत्याशियों की पहली सूची में अग्रवाल वैश्य समाज की उपेक्षा से व्यापारियों में पनपा गहरा रोष
भाजपा द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए बुधवार रात्रि घोषित 67 प्रत्याशियों की पहली सूची के बाद अग्रवाल वैश्य समाज में बड़ा भारी रोष हैं। प्रत्याशियों की घोषणा में भाजपा ने जिस प्रकार अग्रवाल व्यापारी समाज की टिकटों में उपेक्षा की है, उससे आने वाले चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनावों में अग्रवाल समाज को 9 टिकटें दी थी, जिसमें से 7 भाजपा के विधायक चुन कर आएं व सिरसा से 8वें गोपाल कांडा विजयी हुए, जिन्होंने पूरे 5 साल सरकार को समर्थन दिया। भाजपा ने इस बार के चुनावों में अब तक जारी अपनी सूची में अग्रवाल समाज को 9 की जगह अभी तक 5 टिकट ही दी है, वही ब्राह्मण समाज को उन्होंने पहले से ज्यादा 9 सीटें दी हैं है। इसलिए अग्रवाल समाज यह मांग करता है कि उनको भी कम से कम पहले जितनी 9 टिकटें अवश्य दी जाए।
अग्रवाल वैश्य समाज भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद से हमेशा उनके साथ पूरी तरह जुड़ा रहा है। आरएसएस व भाजपा में शीर्ष पदों पर हमेशा इस समाज के लोगों का वर्चस्व रहा है, परंतु हरियाणा विधानसभा चुनावों में जिस प्रकार से भाजपा नेतृत्व ने महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, मेवात, पलवल व दादरी जिलों मे एक भी सीट पर अग्रवाल समाज का प्रत्याशी नहीं उतारा, उससे पूरे दक्षिण हरियाणा में गहरा आक्रोश हैं और प्रत्याशीयों की पहली सूची जारी होने के बाद अग्रवाल समाज में विरोध स्वर उठने शुरू हो चुके हैं और भाजपा द्वारा लिए गए इन फैसलों से नाराज पूरे समाज की कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन की तरफ खिसकने की संभावनाएं बन गई है।
हालांकि अभी 23 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा बाकी है। भारतीय जनता पार्टी ने अपनी गलती सुधारते हुए यदि इन सीटों पर अग्रवाल समाज को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया तो मजबूरन समाज को पहली बार भाजपा के विरोध में कठोर कदम उठाने पड़ सकते है। दक्षिण हरियाणा में राजस्थान के साथ लगती विधानसभा सीट नारनौल पर अग्रवाल समाज का हमेशा से प्रभुत्व रहा है। इस सीट पर पांच बार अग्रवाल समाज से स्वर्गीय श्री रामशरण चंद जी मित्तल विधायक एवं मंत्री रह चुके हैं। जिला महेंद्रगढ़ के हेडक्वार्टर नारनौल विधानसभा में हरियाणा में सबसे कम मतदाताओं एवं 36 बिरादरी के मतदाताओं वाली इस सीट पर बनियों व ब्राह्मणों का हमेशा से वर्चस्व रहा हैं।
भाजपा के पास इस सीट के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल शरण गर्ग हैं। गोपाल शरण गर्ग कद्दावर नेता है , जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान हैं। वे हरियाणा प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन भी रहे हैं। बचपन से ही विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस व भाजपा से जुड़े गोपाल शरण गर्ग ने पूरे देश में अग्रवाल समाज का संगठन खड़ा किया हुआ है, जिसमें लाखों लोग जुड़े हुए हैं। अग्रोहा (हिसार) में महाराजा अग्रसेन परम् धाम का विश्व स्तरीय निर्माण कार्य उनके सानिध्य में चल रहा है। नारनौल की बहुत सी संस्थाएं जिसमें सनातन धर्म से जुड़ी बड़ी संस्थाओं के भी वो प्रमुख हैं। यदि उन्हें नारनौल से भारतीय जनता पार्टी अपना प्रत्याशी बनाती है तो वह आसानी से इस सीट को जीत कर भाजपा की झोली में डाल सकते हैं।
इसलिए अभी भी समय है यदि भाजपा ने अपनी गलती सुधारते हुए अग्रवाल समाज को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया तो अग्रवाल वैश्य समाज उनसे हमेशा के लिए छिटककर दूर हो सकता है और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश में तीसरी बार सरकार के हैट्रिक बनाने के सपने मात्र ख्वाब बनकर रह जाएंगे।