सऊदी अरब के रियाद में कल से शुरू होगा सीओपी-16 सम्मेलन
कैबिनेट मंत्री बोले: जलवायु परिवर्तन की चुनौती को अकेले हल नहीं किया जा सकता, इसके लिए सभी देशों का संयुक्त प्रयास आवश्यक
कहा: हरियाण सरकार ने पर्यावरण, जल संरक्षण की दिशा में उठाए हैं ऐतिहासिक कदम
नई दिल्ली, 01 दिसंबर : सऊदी अरब के शहर रियाद में 2 से 13 दिसंबर तक होने वाले संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम सम्मेलन (यूएनसीसीडी)- सीओपी 16 में भागीदारी के लिए हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह के नेतृत्व में प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल आज नई दिल्ली से रवाना हुआ। इस प्रतिनिधि मंडल में हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष रणदीप सिंह जौहर, हरियाणा राज्य जैव विविधता बोर्ड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं सदस्य सचिव विवेक सक्सेना, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक डा. टी पी सिंह शामिल है। यह आयोजन ग्रीन ज़ोन व्यवसायों, वैज्ञानिकों, वित्तीय संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों और प्रभावित समुदायों को भूमि बहाली और सूखे से निपटने के लिए स्थायी समाधान खोजने पर सहयोग करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करेगा।
सऊदी अरब में 2-13 दिसंबर 2024 तक (यूएनसीसीडी)सीओपी-16 सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें दुनिया के विभिन्न देश के हिस्सा लेने के आसार है। इस सम्मेलन में हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह प्रदेश के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल के साथ हिस्सा ले रहे है।
सम्मेलन में भाग लेने पहले हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत @2047 के संकल्प में जलवायु परिवर्तन के लिए भी ऐतिहासिक कदम उठा रहे है।
उनका माना है कि विकसित देश विकासशील देशों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करें ताकि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई राष्ट्रीय सौर मिशन और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं सार्थक रूप से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हरियाणा के मंत्री ने इस सम्मेलन को वैश्विक सहयोग और अनुभव सांझा करने का बेहतरीन अवसर बताया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती को अकेले हल नहीं किया जा सकता, इसके लिए सभी देशों का संयुक्त प्रयास आवश्यक है।