नवम्बर, 2020 में न.नि. कानून में हुए  संशोधन के बाद  मेयर पद के लिए नहीं हो सकता  उप-चुनाव  हालांकि न.नि.  निर्वाचन नियमों में ऐसी कोई रोक नहीं 

एडवोकेट  की याचिका के बाद राज्य  निर्वाचन आयोग ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग  को पत्र लिखकर  मांगा  स्पष्टीकरण 

चंडीगढ़  — करीब दो माह पूर्व   8 अक्टूबर 2024 को अम्बाला नगर निगम की तत्कालीन मेयर शक्ति रानी शर्मा पंचकूला जिले की कालका विधानसभा सीट से भाजपा विधायक निर्वाचित हुई. वहीं सोनीपत नगर निगम के तत्कालीन मेयर निखिल मदान भी सोनीपत वि.स. क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीत कर विधायक बने. 

चार वर्ष पूर्व   दिसम्बर,2020 में शक्ति रानी हरियाणा जन चेतना पार्टी (वी) के टिकट और गैस सिलेंडर के चुनाव-चिन्ह   पर  अम्बाला नगर निगम के मेयर पद  पर  प्रत्यक्ष (सीधी) निर्वाचित हुई थी.  तीन  माह पूर्व   1 सितम्बर  को  वह भाजपा में शामिल हुई जिसके  बाद  भाजपा द्वारा उन्हें कालका वि.स. सीट से पार्टी‌ प्रत्याशी घोषित कर दिया गया था जिस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार  प्रदीप चौधरी को पराजित कर शक्ति रानी पहली  बार कालका से विधायक बनीं. 

वहीं निखिल मदान, जो दिसम्बर,2020 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सोनीपत नगर निगम के प्रत्यक्ष  मेयर निर्वाचित हुए थे, वह भी 

 गत जुलाई माह में कांगेस  छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे एवं अक्टूबर,2014 हरियाणा वि.स. आम चुनाव में सोनीपत से  भाजपा प्रत्याशी के तौर पर  चुनाव लड़ निखिल ने  कांग्रेस के सुरेन्द्र पंवार को पराजित किया और   विधायक बने. 

 इसी बीच   पंजाब एवं हरियाणा   हाईकोर्ट में  एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून  के  जानकार   हेमंत कुमार ने  हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 8 ए‌ का हवाला देते हुए‌ बताया कि  इसके अंतर्गत प्रदेश के किसी नगर निगम का  मेयर अथवा नगर निगम  सदस्य (जिन्हें  आम भाषा में पार्षद भी कहते हैं हालांकि यह शब्द नगर निगम कानून में नहीं है) एक ही समय  पर मेयर या  न.नि. सदस्य एवं साथ साथ  विधायक या सांसद नहीं रह सकता है. अगर कोई व्यक्ति नगर निगम के  मेयर पद या सदस्य होते हुए प्रदेश की विधानसभा या संसद के लिए  निर्वाचित हो जाता है, तो विधायक या सांसद के तौर पर निर्वाचित घोषित होने की तारीख से वह नगर निगम का मेयर या न.नि. सदस्य  नहीं रहेगा. इसी प्रकार 8 अक्टूबर 2024 अर्थात मतगणना की तारीख से ही  कालका विधायक  शक्ति रानी शर्मा और सोनीपत  विधायक निखिल मदन क्रमशः  अंबाला और सोनीपत नगर निगम के  मेयर नहीं‌ हैं. इसके लिए दोनों को  औपचारिक तौर पर मेयर पद से त्यागपत्र देने की कोई आवश्यकता नहीं है. 

बहरहाल, हेमंत ने गत  अक्टूबर में  नायब सैनी सरकार में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कैबिनेट  मंत्री  विपुल गोयल, विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, विभाग के निदेशक यश पाल (जिन्हें हाल ही में  मुख्यमंत्री का उप प्रधान सचिव तैनात किया गया है) और हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह को  लिखकर उनसे अम्बाला और सोनीपत नगर निगम के मेयर पद  को औपचारिक और आधिकारिक पर  अर्थात नोटिफिकेशन जारी कर   रिक्त घोषित करने और साथ साथ नए मेयर के उपचुनाव के लिए अर्थात निवर्तमान मेयर शक्ति रानी शर्मा और निखिल मदान  के जनवरी, 2026 अर्थात आगामी  13 महीने   के कार्यकाल के लिए नया मेयर चुनने की प्रक्रिया आरम्भ करने का मामला उठाया. 

बहरहाल, इस विषय पर  राज्य निर्वाचन आयोग से हेमंत को प्राप्त पत्र, जिसकी एक प्रति आयोग द्वारा प्रदेश सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को भी भेजी गई है, में लिखा  गया है कि हरियाणा नगरं निगम कानून, 1994 की धारा 13 जो, जो नगर निगम मेयर और सदस्यों  की रिक्त हुई सीटों को उपचुनाव द्वारा भरे  जाने  से संबंधित है, में दिसम्बर-2020 में प्रदेश विधानसभा द्वारा संशोधन कर यह उल्लेख कर दिया गया था कि उक्त धारा के प्रावधान रिक्त हुई मेयर की सीट पर लागू नहीं होंगे अर्थात अगर किसी नगर निगम के मेयर का पद, बेशक वह  किसी भी कारण से रिक्त हुआ हो, तो उसे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा  उपचुनाव द्वारा भरा नहीं जा सकता है. 

वहीं आगे निर्वाचन आयोग ने हेमंत और प्रदेश सरकार को भेजा पत्र में यह भी  लिखा है  हालांकि हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 के नियम संख्या 68 में, जो नगर निगम की रिक्त हुई सीटों को  राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा उपचुनाव मार्फ़त भरने से सम्बंधित है, में प्रदेश सरकार द्वारा  ऐसा कोई  उल्लेख नहीं किया गया है कि रिक्त हुए मेयर पद को उपचुनाव द्वारा नहीं भरा जा सकता है. इसी के  दृष्टिगत हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की  धारा 13 और हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 के नियम 68 में मेयर पद के उपचुनाव के सम्बन्ध में व्याप्त   परस्पर विरोधी प्रावधान और उल्लेख होने पर आयोग ने प्रदेश सरकार से  इस बारे  में स्पष्टीकरण करने को लिखा है ताकि इस  आयोग द्वारा रिक्त अम्बाला नगर निगम मेयर को उपचुनाव द्वारा भरने  बारे  फाइनल निर्णय लिया जा सके. 

जहाँ तक  अम्बाला और सोनीपत  नगर निगम के मेयर पद को गत 8 अक्टूबर 2024  से औपचारिक और आधिकारिक तौर पर अधिसूचना मार्फ़त   रिक्त घोषित करने का विषय है, इस बारे  में भी आयोग ने शहरी स्थानीय विभाग को  लिखा है चूँकि मौजूदा नगर निगम  कानून में  आयोग को मेयर पद को नोटिफिकेशन द्वारा  रिक्त घोषित करने का कानूनी प्रावधान नहीं है, इसलिए इस बारे में भी स्थिति स्पष्ट की जाए. 

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