
चंडीगढ़, गुरुग्राम, रेवाड़ी, 25 फरवरी 2025: स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को चुनौती दी है कि यदि वे सचमुच ईमानदार हैं, तो प्रदेश की जनता को स्पष्ट करें कि जिन 24 फसलों को कथित रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा गया है, वे फसलें हरियाणा की किन-किन मंडियों में कितनी मात्रा में और कहां-कहां किसानों से खरीदी गई हैं।
मुख्यमंत्री करें 24 फसलों की खरीद का खुलासा
विद्रोही ने दो टूक कहा कि मुख्यमंत्री या तो इन 24 फसलों की खरीद का प्रमाणिक ब्यौरा किसानों के नाम और खरीदी गई फसल की मात्रा सहित सार्वजनिक करें या फिर झूठे दावे करना बंद करें। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद और हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की थी कि प्रदेश में 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदा जाएगा, लेकिन अब तक इसकी कोई पारदर्शिता नहीं है।
खरीफ सीजन 2024 की 14 फसलों का ब्यौरा दें मुख्यमंत्री
विद्रोही ने मांग की कि सबसे पहले खरीफ सीजन 2024 की उन 14 फसलों का ब्यौरा जारी किया जाए, जिनकी खरीद हरियाणा सरकार द्वारा एमएसपी पर किए जाने का दावा किया गया है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया जाए कि किसानों से किन मंडियों में, कितनी मात्रा में, और किस दर पर खरीद हुई है।
रबी सीजन 2024-25 की 10 फसलों पर भी उठाए सवाल
वेदप्रकाश विद्रोही ने आगे कहा कि रबी सीजन 2024-25 की 10 फसलों के संबंध में भी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यह फसलें किन-किन मंडियों में, कितनी मात्रा में एमएसपी पर खरीदी जाएंगी और इसकी प्रक्रिया क्या होगी।
भाजपा सरकार पर किसानों को ठगने का आरोप
विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार द्वारा एमएसपी पर 24 फसलों की खरीद का दावा पूरी तरह से झूठा है और यह सिर्फ किसानों और आम जनता को गुमराह करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री तक झूठे दावे कर जनता को ठगने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उसी झूठ की राजनीति कर रहे हैं और एक संवैधानिक अपराध कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जनता के सामने रखे प्रमाण
विद्रोही ने चुनौती देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री यदि सच्चे हैं, तो खरीफ सीजन 2024 की कथित एमएसपी पर खरीदी गई 14 फसलों का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करें, ताकि किसानों को यह पता चल सके कि उनकी फसल कहां, कितनी मात्रा में और किस कीमत पर खरीदी गई है।
क्या मुख्यमंत्री इस चुनौती को स्वीकार करेंगे?
अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस चुनौती का जवाब देते हैं या फिर एमएसपी की राजनीति पर मौन साधे रहते हैं।