
गुरुग्राम, 1 मार्च 2025 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने अहीरवाल क्षेत्र में हुई असमय बरसात और ओलों से रबी फसलों को हुए भारी नुकसान पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने सरकार से तत्काल विशेष गिरदावरी करवाने और प्रभावित किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है।
विद्रोही ने बताया कि सरसों और गेहूं की फसल कटाई के अंतिम चरण में थी, लेकिन 28 फरवरी की शाम और 1 मार्च की सुबह हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। उन्होंने कहा कि फरवरी के अंतिम और मार्च के पहले सप्ताह में हुई बरसात अहीरवाल क्षेत्र के लिए हमेशा घातक साबित होती है। इस दौरान वर्षा होने से उत्पादन में भारी गिरावट आती है और अनाज का गुणवत्ता स्तर भी खराब हो जाता है।
भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
विद्रोही ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार केवल जुमलेबाजी करती है और मगरमच्छी आंसू बहाकर किसानों को गुमराह करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्राकृतिक आपदा से हुए फसल नुकसान के मुआवजे की बजाय बीमा कंपनियों से सांठगांठ कर किसानों को लूटने की नीति पर काम कर रही है।
उन्होंने याद दिलाया कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में भी ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ था, लेकिन उसकी गिरदावरी सही ढंग से नहीं कराई गई, जिससे अहीरवाल के हजारों किसान मुआवजे से वंचित रह गए। अगर इस बार भी समय पर ईमानदारी से गिरदावरी नहीं कराई गई, तो किसान फिर से ठगा जाएगा।
भाजपा सांसदों-विधायकों को दी चेतावनी
विद्रोही ने अहीरवाल क्षेत्र के भाजपा सांसदों और विधायकों से भी जवाबदेही तय करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि बारिश और ओलों से नष्ट हुई फसलों का पूरा मुआवजा किसानों को मिले और बीमा कंपनियों व प्रशासन की मिलीभगत से किसान लूटे न जाएं।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकार किसानों की दुर्दशा को समझते हुए तुरंत राहत प्रदान करेगी और इस बार भी फसल मुआवजे से किसानों को वंचित करने का प्रयास नहीं किया जाएगा।