पटौदी, फतह सिंह उजाला – नवगठित पटौदी जाटोली मंडी परिषद चुनाव में मतदाता संख्या और मतदान प्रक्रिया से जुड़े दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं। विभिन्न 22 वार्डों के लिए 45 पोलिंग बूथ बनाए गए, लेकिन इन बूथों पर मतदाता संख्या में भारी अंतर देखने को मिला। कहीं सिर्फ 196 मतदाता थे, तो कहीं यह संख्या 1791 तक पहुंच गई।

मतदाता आंकड़ों में असमानता

वार्ड नंबर 19 के गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल सफेदार नगर पोलिंग बूथ में महज 196 मतदाता थे, जबकि वार्ड नंबर 17 के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल पटौदी पोलिंग बूथ नंबर 33 में मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक 1791 रही। वहीं, 9 ऐसे पोलिंग बूथ भी रहे जहां मतदाता संख्या 500 से कम थी, जैसे:

  • मुंशीलाल आनंद वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बूथ नंबर 14) – 473 मतदाता
  • कम्युनिटी सेंटर, बोहडा रोड, पटौदी (बूथ नंबर 21) – 263 मतदाता
  • गवर्नमेंट मिडिल स्कूल, नोएडा (बूथ नंबर 22) – 390 मतदाता
  • गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पटौदी (बूथ नंबर 27) – 372 मतदाता

मतदाता सूची में गड़बड़ियां

कई मतदाताओं ने शिकायत की कि वोटर लिस्ट में मृत लोगों के नाम थे और एक ही परिवार के सदस्यों के वोट अलग-अलग वार्डों या पोलिंग बूथों में दर्ज पाए गए। अपने ही वार्ड में नाम नहीं होने की वजह से कई मतदाता वोट डालने से वंचित रह गए।

कुल मतदान और भागीदारी

पटौदी जाटोली मंडी परिषद में कुल 43,042 मतदाता थे, जिनमें से 31,815 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुल मतदान प्रतिशत 73.92% रहा, जिसमें 16,828 पुरुष और 14,987 महिलाएं शामिल थीं।

वार्ड-वार मतदान विवरण

चुनाव में कई वार्डों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग रहा। कुछ महत्वपूर्ण वार्डों के आंकड़े:

  • वार्ड 1 – पोलिंग बूथ 1 पर 914, पोलिंग बूथ 2 पर 991 वोट
  • वार्ड 5 – पोलिंग बूथ 9 पर 1039, पोलिंग बूथ 10 पर 814 वोट
  • वार्ड 9 – पोलिंग बूथ 16 पर 1076 मतदाता
  • वार्ड 17 – पोलिंग बूथ 33 पर 1287 मतदाता
  • वार्ड 22 – पोलिंग बूथ 44 पर 629, पोलिंग बूथ 45 पर 959 वोट

क्या कहते हैं उम्मीदवार?

कई उम्मीदवारों ने धीमी पोलिंग और वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों पर सवाल उठाए। मतदान प्रक्रिया में सुधार और निष्पक्षता को लेकर प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

चुनाव प्रक्रिया में मतदाता सूची की विसंगतियों और पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की असमान संख्या को देखते हुए यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या प्रशासन इस ओर ध्यान देगा या फिर हर चुनाव में ऐसी ही अनियमितताएं बनी रहेंगी?

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