हरियाणा ने हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस को नए संशोधन के साथ किया सशक्त

चंडीगढ़, 08 मार्च, 2025 । हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस विनियम, 2023 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों तक पहुंच को सरल और व्यापक बनाना है, जिससे एक अधिक सतत और कुशल विद्युत आपूर्ति प्रणाली सुनिश्चित की जा सके।

हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (HERC) के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा ने इन संशोधनों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “नवीकरणीय ऊर्जा तक पहुंच को सुगम बनाने और कनेक्टिविटी की बाधाओं को दूर करने से, ये संशोधन हरियाणा को एक हरित विद्युत ग्रिड की ओर तेजी से आगे बढ़ने में मदद करेंगे। हमारा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि व्यवसायों और व्यक्तियों को स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने में आसानी हो, साथ ही ग्रिड की स्थिरता और विश्वसनीयता भी बनी रहे।”

संशोधन के तहत, अब 100 किलोवाट या उससे अधिक स्वीकृत लोड वाले उपभोक्ता, चाहे वे एकल कनेक्शन या एक ही विद्युत प्रभाग में स्थित बहु- कनेक्शनों के माध्यम से हों, हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस के लिए पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त, कैप्टिव उपभोक्ताओं, जो अपनी आवश्यकताओं के लिए स्वयं नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करते हैं, को अब ऊर्जा आपूर्ति पर किसी भी प्रकार की सीमा का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह संशोधन उद्योगों और व्यवसायों को हरित ऊर्जा को अपनाने में अधिक स्वतंत्रता और सुविधा प्रदान करेगा।

संशोधित विनियमों में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित कचरे से ऊर्जा (Waste-to-Energy) संयंत्रों से उत्पादित बिजली को भी अंतर्राज्यीय पारेषण और वितरण प्रणाली से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। यह कदम सतत कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने के साथ-साथ हरियाणा के विद्युत ग्रिड में योगदान को भी सुनिश्चित करेगा। प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए, अब उपभोक्ता कनेक्टिविटी और ओपन एक्सेस के लिए एक साथ आवेदन कर सकते हैं, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने की प्रक्रिया में देरी कम होगी और उद्योगों व व्यवसायों के लिए इसे अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।

एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन उन उपभोक्ताओं के लिए है जो स्वतंत्र फीडर (Independent Feeder) से नहीं जुड़े हैं। अब ऐसे उपभोक्ता भी ओपन एनर्जी मार्केट का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते कि वे वितरण लाइसेंसधारी द्वारा लगाए गए सिस्टम बाधाओं और विद्युत कटौती प्रतिबंधों को स्वीकार करें। इसके अतिरिक्त, अपतटीय (Offshore) पवन ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए, संशोधित नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि दिसंबर 2032 तक कमीशन की गई अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं से ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं को आपूर्ति की गई बिजली पर कोई अतिरिक्त अधिभार (Surcharge) लागू नहीं होगा।

ये संशोधन स्वच्छ ऊर्जा ट्रांजिशन (Clean Energy Transition) की दिशा में हरियाणा की यात्रा में एक प्रमुख मील का पत्थर साबित होंगे। ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस में व्यापक भागीदारी को सुविधाजनक बनाकर, राज्य कम कार्बन उत्सर्जन, बढ़ी हुई ऊर्जा सुरक्षा और एक स्थायी भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। उद्योगों, व्यवसायों और आवासीय उपभोक्ताओं के पास अब अक्षय ऊर्जा तक बेहतर पहुंच होने के साथ, हरियाणा एक लचीला और हरित ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है।

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