कानूनन न.प. स्थापना के एक वर्ष तक अर्थात सितम्बर, 2020 तक होने चाहिए थे पहले चुनाव
न तय अवधि में चुनाव हो सके और न समय-सीमा को आगे बढ़ाने के लिए किया गया कानून में संशोधन
इसी आधार पर गुरुग्राम की पटौदी-जाटौली मंडी न.प. और कैथल की सीवन न.पा. में हुए चुनाव पर भी कानूनी प्रश्न-चिन्ह
हरियाणा विधानसभा द्वारा नगर निगम कानून में एक-एक कर कुल आठ (8) बार संशोधन कर नई स्थापित नगर निगम के पहले आम चुनाव कराने की समय सीमा को बढ़ाकर अधिकतम 5 वर्ष 6 महीने किया गया हालांकि नगरपालिका कानून में एक बार भी संशोधन नहीं – एडवोकेट हेमंत कुमार
चंडीगढ़ – इसी माह 2 मार्च को हरियाणा के करीब तीन दर्जन विभिन्न शहरी निकायों में आम चुनाव और उप-चुनाव के लिए मतदान हुआ
जिनमें प्रदेश के उर्जा, परिवहन और श्रम विभागों के वरिष्ठतम कैबिनेट मंत्री अनिल विज के गृह- क्षेत्र में साढ़े पांच वर्ष पूर्व स्थापित अम्बाला सदर नगरपालिका परिषद (न.प.) के प्रथम आम चुनाव भी शामिल है. बहरहाल, 9 मार्च को पानीपत नगर निगम के आम चुनाव सम्पन्न हों बाद सभी निकायों की चुनावी मतगणना 12 मार्च को होगी.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून जानकार हेमंत कुमार ( 9416887788) ने गत दिवस हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, विभाग के महानिदेशक पंकज, राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह, प्रदेश की विधि परामर्शी (एल.आर.) ऋतु गर्ग और एडवोकेट जनरल परविन्द्र सिंह चौहान को ज्ञापन भेजकर हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 की मौजूदा धारा 12(2) में तत्काल संशोधन कराने की अपील की है ताकि अम्बाला सदर न.प. चुनाव को वैधानिक मान्यता प्राप्त हो सके एवं इसकी वैधता पर कोई सवाल न उठ सके.
उन्होंने लिखा है कि 11 सितम्बर 2019 को तत्कालीन संयुक्त अम्बाला नगर निगम में से सदर क्षेत्र को बाहर कर उसके लिए अलग अर्थात अम्बाला सदर न.प. स्थापित की गई थी. हालांकि मार्च, 2010 से पहले भी अम्बाला सदर न.प. हुआ करती थी परन्तु उसके बाद इसे तत्कालीन अम्बाला शहर नगर परिषद के साथ जोड़कर शहर और सदर के लिए स्थापित संयुक्त अम्बाला नगर निगम में शामिल कर दिया गया था. इस प्रकार 11 सितम्बर 2019 को अम्बाला नगर निगम से अलग किये जाने पर अम्बाला सदर नगर परिषद का एक प्रकार से नये सिरे से गठन हुआ था.
हेमंत ने बताया कि हरियाणा म्युनिसिपल (नगरपालिका) कानून, 1973, जो सभी नगरपालिका परिषदों और नगरपालिका समितियों पर लागू होता है, की वर्तमान धारा 12(2) के अनुसार नव गठित शहरी निकाय के पहले आम चुनाव उनके अधिसूचित होने के एक वर्ष के भीतर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कराए जाने चाहिए. अब चूँकि अम्बाला सदर न.प. की 11 सितम्बर 2019 को स्थापना होने के निर्धारित एक वर्ष के भीतर अर्थात 10 सितंबर, 2020 तक, बेशक तत्कालीन व्याप्त कोरोना-वायरस संक्रमण की परिस्थितियों के फलस्वरूप या अन्य किसी भी कारण से, उसके पहले आम चुनाव नहीं कराये जा सके, अत: ऐसी स्थिति में उपरोक्त 1973 नगरपालिका कानून की धारा 12 (2) में प्रथम चुनाव कराने की एक वर्ष की समय सीमा को आगे बढाने के लिए प्रदेश विधानसभा द्वारा संशोधन करना अत्यंत आवश्यक था ताकि अम्बाला सदर नगर परिषद का कानूनी अस्तित्व कायम रखा जा सके परन्तु ऐसा नहीं किया गया.
इसी आधार पर गुरुग्राम जिले में अगस्त,2022 में स्थापित पटौदी-जाटौली मंडी नगर परिषद और जून,2021 में कैथल जिले में स्थापित सीवन नगर पालिका के पहले आम चुनाव भी उनकी स्थापना के एक वर्ष के बाद कराये जा रहे हैं जिससे इन दोनों पर भी कानूनी प्रश्न-चिन्ह है.
हालांकि साढ़े चार वर्ष पूर्व अगस्त, 2020 में प्रदेश विधानसभा द्वारा हालांकि हरियाणा नगर निगम (संशोधन) कानून, 2020 मार्फ़त हरियाणा में नई नगर निगम के पहले आम चुनाव उसको नोटिफाई करने से पांच वर्ष छ: महीने तक कराये जाने का प्रावधान किया गया. उससे पहले यह समय सीमा पांच वर्ष होती थी. इसका सीधा प्रभाव जुलाई, 2015 में तत्कालीन विद्यमान सोनीपत नगर परिषद को अपग्रेड कर बनाई गई सोनीपत नगर निगम पर हुआ एवं उसके पहले चुनाव 27 दिसंबर 2020 को कराये गए थे. ज्ञात रहे कि हरियाणा नगर निगम कानून की मूल धारा 4(4) में नई स्थापित नगर निगम के पहले आम चुनाव करवाने की समय सीमा 6 महीने ही होती थी परंतु वर्ष 2008 से वर्ष 2020 में इस धारा में एक-एक कर कुल आठ (8) बार कानूनी संशोधन कर इस समय सीमा को बढ़ाकर पांच वर्ष छ: महीने कर दिया गया था. हालांकि वहीं दूसरी ओर हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 की धारा 12(2) में इसी सम्बन्ध में एक बार भी संशोधन नहीं किया गया
हेमंत ने बताया कि हरियाणा नगर निगम (संशोधन) कानून, 2020 की तर्ज पर हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 की मौजूदा धारा 12(2) में भी तत्काल संशोधन कर नई स्थापित नगरपालिका परिषद के पहले आम चुनाव उसकी स्थापना के एक वर्ष के भीतर कराने के स्थान पर अधिकतम पांच वर्ष छ: महीने में कराने का प्रावधान डालना अत्यंत आवश्यक है. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो 11 सितम्बर 2020 से लेकर वर्तमान तक अम्बाला सदर न.प. और उसके प्रशासक द्वारा किये गए सभी आधिकारिक कार्यों / कार्य-कलापों पर भी गंभीर कानूनी प्रश्नचिन्ह उत्पन्न होने कारण कोई भी प्रभावित व्यक्ति या संस्था उसके विरूद्ध पारित आदेशों और निर्देशों को चुनौती देते हुए अदालत जा सकता है. अम्बाला सदर न.प. के ताज़ा आम चुनाव की पूर्ण वैधानिक (कानूनी) मान्यता के लिए उपरोक्त कानूनी संशोधन होना आवश्यक है.