“सशक्त नारी, सशक्त देश” ………. वानप्रस्थ संस्था ने धूमधाम से मनाया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

हिसार – वानप्रस्थ सीनियर सिटीज़न क्लब में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर नगर निगम की अतिरिक्त आयुक्त श्रीमती शालिनी चेतल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। महिला सदस्यों ने उन्हें दुशाला भेंट कर सम्मानित किया, जबकि पुरुष सदस्यों ने एक पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

अपने संबोधन में श्रीमती शालिनी चेतल ने कहा कि महिलाओं के बिना पुरुष का अस्तित्व अधूरा है। महिला जननी, पत्नी, बेटी और बहू के रूप में परिवार की धुरी होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बराबरी मांगने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे सदा से समान रही हैं। हमें पुरुषों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। उन्होंने परिवार को एक साइकिल की तरह बताया, जिसमें दोनों पहियों का समान रूप से संतुलित होना आवश्यक है।

मंच संचालन करते हुए डॉ. सुनीता श्योकंद ने लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वैश्विक लैंगिक असमानता सूचकांक में भारत 140 देशों में 129वें स्थान पर है, जबकि आइसलैंड इस सूची में शीर्ष पर है। वहां की शिक्षा प्रणाली में बचपन से ही लड़कियों को आत्मनिर्भर और लड़कों को संवेदनशील बनाया जाता है। उन्होंने भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की कम आय का भी उल्लेख किया।

क्लब के महासचिव डॉ. जे.के. डांग ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए उनके समर्पित प्रशासनिक कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का विषय “एक्सीलरेट एक्शन” (तेजी से कार्य करना) रखा गया है, जिसका उद्देश्य सभी के लिए समान अधिकार, शक्ति और अवसर सुनिश्चित करना है।

कार्यक्रम के दौरान क्लब के प्रधान श्री दयानंद बेनीवाल और महासचिव डॉ. डांग ने वानप्रस्थ के संरक्षक डॉ. सतीश कालड़ा द्वारा लिखित पुस्तकें मुख्य अतिथि को भेंट कीं। इस अवसर पर हिसार के डाटा गांव की पर्वतारोही कु. मीनू कालीरामन को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. कमलेश कुकड़ेजा द्वारा प्रस्तुत गीत “नारी शक्ति का अवतार है, अपना अधिकार पाना पड़ेगा…” से हुई। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के पूर्व मुख्य संचार अधिकारी श्री धर्मपाल ढुल ने शिक्षा को महिला सशक्तिकरण की कुंजी बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा से शोषण और भेदभाव समाप्त किया जा सकता है।

रानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय की प्राचार्य एवं शिक्षाविद् डॉ. शमीम शर्मा ने कहा कि महिलाओं का योगदान परिवार और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण को समाज की उन्नति के लिए आवश्यक बताया।

राष्ट्रीय पुरस्कृत श्रीमती राज रानी ने अपने मधुर स्वर में महिलाओं को जागरूक करने वाला गीत प्रस्तुत किया –
“नारियां देश की जाग जाएं अगर, युग स्वयं ही बदलता चला जाएगा…”

श्री एस.पी. चौधरी ने अपनी कविता “करो सम्मान नारी का, नारी दुनिया रचाती है…” प्रस्तुत की। कवयित्री श्रीमती राज गर्ग ने अपनी रचना “नारी तुम प्रेम हो, आस्था हो, विश्वास हो…” से उपस्थितजनों को प्रेरित किया। वहीं श्रीमती कमला सैनी ने अपनी दमदार आवाज़ में “ना रोक सकेगा तुझको कोई, अगर तू हिम्मत कर लेगी…” प्रस्तुत किया।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व समाजशास्त्री प्रोफेसर डॉ. आर.के. पूनिया ने कहा कि महिलाओं को समाज में समानता का अहसास होना चाहिए। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सुनीता रहेजा ने कहा कि सोच बदलने से ही महिला सशक्तिकरण संभव है। श्रीमती शशि आर्य ने अपने अंदाज़ में लड़कियों को लड़कों से श्रेष्ठ बताया, जबकि डॉ. स्वराज ने शेरो-शायरी से मनोरंजन किया।

इस अवसर पर श्री अशोक खट्टर ने केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया। सभी ने उन्हें शुभकामनाएँ दीं। क्लब के प्रधान श्री दयानंद बेनीवाल ने मुख्य अतिथि श्रीमती चेतल के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से महिलाओं को सम्मान दिया जाता रहा है, लेकिन गुलामी की वजह से उनकी स्थिति प्रभावित हुई। अब शिक्षा के प्रसार से महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।

मुख्य अतिथि श्रीमती चेतल ने सभी महिला सदस्यों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. डांग ने महिला दिवस की शुभकामनाएँ दीं और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए डॉ. सुनीता श्योकंद, डॉ. पुष्पा खरब, डॉ. एम. चौहान और सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। श्रीमती राज गर्ग एवं श्री अशोक खट्टर के सौजन्य से आयोजित जलपान का सभी ने आनंद उठाया। इस कार्यक्रम में 65 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।

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