विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मसरोवर की जर्जर हालत समेत अन्य जनहित मुद्दों पर विधानसभा स्पीकर को दिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव।

प्रदेश में नशे के बढ़ते प्रभाव, स्कूलों की दुर्दशा, बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा बेसहारा पशुओं से हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता जताई ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के माध्यम से।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 11 मार्च: थानेसर के विधायक एवं पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने हरियाणा विधानसभा के स्पीकर को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भेजकर कई महत्वपूर्ण जनहित मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। इनमें ब्रह्मसरोवर की दयनीय स्थिति, प्रदेश में नशाखोरी का बढ़ता खतरा, सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति, बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बेसहारा जानवरों की दुर्दशा जैसे विषय शामिल हैं।

ब्रह्मसरोवर के जीर्णोद्धार की मांग

अशोक अरोड़ा ने सनातन आस्था के केंद्र ब्रह्मसरोवर की बदहाल स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महिला स्नानघर, परिक्रमा पथ और बरामदों की हालत जर्जर हो चुकी है। इसके अलावा, ब्रह्मसरोवर के चारों ओर के टूटे हुए पत्थर और खराब हो चुके पार्कों की ओर भी उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित किया।

विधायक ने सरकार से ब्रह्मसरोवर के संपूर्ण जीर्णोद्धार (रेनोवेशन), सौंदर्यीकरण (ब्यूटीफिकेशन) और हरियाली क्षेत्र को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने इस मुद्दे पर संबंधित मंत्री से विधानसभा में बयान देने का अनुरोध भी किया।

प्रदेश में बढ़ती नशाखोरी और अपराध पर कड़ा रुख

एक अन्य ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में अरोड़ा ने हरियाणा में नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नशे का बढ़ता प्रभाव न केवल युवाओं का जीवन नष्ट कर रहा है, बल्कि अपराध दर में भी वृद्धि कर रहा है। कई जिले अब मादक पदार्थों की तस्करी के केंद्र बन गए हैं, और सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदम अपर्याप्त साबित हुए हैं।

उन्होंने इस सामाजिक संकट से निपटने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की और सरकार से अनुरोध किया कि वह इस संबंध में किए जा रहे उपायों पर विधानसभा में स्पष्टीकरण दे।

सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत पर जताई चिंता

अरोड़ा ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की गिरती स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि

  • शिक्षकों की भारी कमी, जर्जर भवन और बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बदहाल बना दिया है।
  • स्वच्छ पेयजल और सफाई व्यवस्था की कमी के कारण अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने से हिचकिचा रहे हैं, जिससे छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।

उन्होंने सरकार से शिक्षकों की नियुक्ति, बुनियादी ढांचे की मरम्मत और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए अपर्याप्त धन आवंटन की मांग की।

बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गहरी चिंता

राज्य में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था की गिरती स्थिति पर अरोड़ा ने सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि

  • हाल के आंकड़े चोरी, डकैती और महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा को दर्शाते हैं।
  • समय पर पुलिस हस्तक्षेप की कमी के कारण जनता का कानून में विश्वास कम होता जा रहा है।

उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह राज्य में कानून व्यवस्था को सख्ती से बहाल करे, पुलिस व्यवस्था को मजबूत करे और आधुनिक निगरानी प्रणाली लागू करे।

बेसहारा जानवरों की दयनीय स्थिति पर सरकार को घेरा

विधायक अशोक अरोड़ा ने विधानसभा स्पीकर को भेजे एक अन्य ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में बेसहारा जानवरों की बदहाल स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि

  • आवारा पशु प्लास्टिक और कूड़ा खाने को मजबूर हैं, जिससे उनकी मौत हो रही है।
  • बेसहारा पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे मानव जीवन और पशुओं दोनों के लिए खतरा पैदा हो गया है।

उन्होंने गौशालाओं में प्रति गऊ के खाने का खर्च 100 रुपये प्रतिदिन करने की मांग की और सरकार से बेसहारा पशुओं के कल्याण और सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।

निष्कर्ष

विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अशोक अरोड़ा ने ब्रह्मसरोवर के जीर्णोद्धार, नशाखोरी के बढ़ते खतरे, सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति, बिगड़ती कानून व्यवस्था और बेसहारा पशुओं के कल्याण जैसे जनहित से जुड़े गंभीर मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।

उन्होंने सरकार से इन सभी विषयों पर ठोस कार्रवाई करने और विधानसभा में विस्तृत स्पष्टीकरण देने की मांग की। अब देखना होगा कि सरकार इन मुद्दों को लेकर क्या कदम उठाती है और जनता को इन समस्याओं से राहत दिलाने के लिए कितनी गंभीरता दिखाती है।

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