
चंडीगढ़, 16 अप्रैल — हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में नगर निगम फरीदाबाद की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। फरीदाबाद निवासी श्री राजा राम द्वारा आयोग के समक्ष यह शिकायत दर्ज कराई गई थी कि नगर निगम फरीदाबाद द्वारा उनका संपत्ति-कर गलत तरीके से अत्यधिक मात्रा में आंका गया है। उन्होंने बताया कि कर निर्धारण में पारदर्शिता नहीं बरती गई और बार-बार अनुरोध के बावजूद न तो समय पर सही गणना की गई और न ही उनकी आपत्तियों का समाधान किया गया।
आयोग के प्रवक्ता ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आयोग ने मामले की जांच के बाद पाया कि भले ही निगम द्वारा संपत्ति कर की पुनर्गणना कर दी गई हो, परंतु इस प्रक्रिया में अनावश्यक देरी खेदजनक है।आयोग ने स्पष्ट किया कि यदि शिकायतकर्ता श्री राजा राम ने आयोग का रुख न किया होता और अपनी शिकायत पर लगातार प्रयास न किए होते, तो उन्हें विभाग द्वारा की गई मनमानी गणना के आधार पर भारी भरकम संपत्ति कर का भुगतान करना पड़ता।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम फरीदाबाद ने वर्ष 2023-24 के लिए शुरुआत में सोलह लाख छह हजार तीन सौ साठ रुपये सत्तर पैसे का संपत्ति कर निर्धारित किया था, जिसे अब घटाकर सत्तासी हजार तीन सौ अठावन रुपये कर दिया गया है। हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(एच) के अंतर्गत निहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए, आयोग ने शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये का मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया है। यह मुआवजा नगर निगम फरीदाबाद के कोष से दिया जाएगा।
आयुक्त, नगर निगम फरीदाबाद को निर्देश दिया गया है कि वह यह राशि शिकायतकर्ता के बैंक खाते में जमा कराएं तथा इस मुआवजे की वसूली उस मामले में जिम्मेदार कर्मचारियों से करें, जिन्होंने बार-बार गलत गणना की और अनावश्यक देरी की।