
हिसार। अप्रैल 17. – एक व्यक्ति का जन्मदिन एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो सकता है, यह माहौल आज वानप्रस्थ संस्था में देखने को मिला। प्रो आर डी शर्मा का जन्मदिन पंजाब के लोकगीतों का चित्रहार जैसा बन गया जिसमें वरिष्ठ नागरिकों ने एक से बढ़ कर एक पुराने लोकगीत पेश कर समा बांध दिया।
वानप्रस्थ के जनरल सेक्रेटरी प्रो जे के डांग ने प्रो आर डी शर्मा का परिचय देते हुए कहा कि अबोहर के पास एक गांव में जन्मे प्रो शर्मा ने अपनी बी वी एससी, एम वी एससी तथा पी एच डी की पढ़ाई हिसार कृषि विश्वविद्यालय से की और वे सीधे एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पशु विज्ञान कॉलेज में नियुक्त हुए और फिर हिसार के ही बनकर रह गए।

पंजाब के लोकसंगीत की रिवायत का जिक्र करते हुए प्रो शर्मा ने वारिस शाह से लेकर बुल्ले शाह, अमृता प्रीतम, शिवकुमार बटालवी, नंदलाल नूरपुरी, सुरिंदर कौर, प्रकाशकौर, आसासिंह मस्ताना, मोहमद सदिक, ,रंजीतकौर, पम्मीबाई, सुरजीत बिंदरखिया तक के कवियों और गायकों के योगदान को याद करते हुए लोकगीत प्रस्तुत किए। बानगी देखिए:
अज आखां वारिस शाह नू किते क़बरां बीचों बोल…
नी मैनू दयोर दे विहा विच नच लेन दे ….
वे माही अखियां विच कीवें पावां कजरा,कि अखियां विच तू वसदा
मेले नू चल मेरे नाल कूड़े…
*जदो मेरी अर्थी उठा के चलनगे ..
मैनू तेरा शबाब लै बैठा…*
प्रोफेसर शर्मा के बाद वानप्रस्थ के वरिष्ठ नागरिकों ने उन्हें जनम दिन की बधाई स्वरूप पंजाबी लोकगीत पेश किए।

वीणा अग्रवाल की प्रस्तुति थी:
जुत्ती कसूरी, पैर ना पूरी, हाय रब्बा वे सानु तुरना पैया …
सुनीता सुनेजा ने गाया:
लट्ठे दी चादर, उत्ते स्लेटी रंग माहिया…..
सुदेश गांधी व इंदु गहलावत की पेशकश थी;
काला डोरिया कुंडे नाल अड़ीयाई ओय, छोटा देवरा भाभो नाल लडियाई ओय ….
*मित्र प्यारे नू , हाल मुरीदों दा कहना.. * गुरु गोबिंदसिंह की अमर रचना योगेश सुनेजा ने प्रस्तुत की।
डॉ कमलेश कुकरेजा ने वारिस शाह की हीर पेश की…
डोली चढ़दियां मारी हीर चीखां..
श्यामा गोसाईं की प्रस्तुति थी:
साडा चिड़ियां दा चम्बा वे, बाबल असां तुर जाना…..
प्रो एच आर शर्मा ने बुल्ले शाह की रचना पेश की:
हाजी लोक मक्के नू जांदे, मेरा आशिक मेरा मक्का…
दूरदर्शन के पूर्व समाचार निदेशक अजीत सिंह ने पंजाबी टप्पे व बोलियां प्रस्तुत की:
बल्ले बल्ले नी मां दीए मोमबत्तीए, सारे पिंड विच चानन तेरा, नी मां दीए मोमबत्तीए ….
प्रो एस के अग्रवाल, प्रो अमृत लाल खुराना, धर्मपाल ढुल, एस एस लाठर व अन्य वरिष्ठ नागरिकों ने फूल पौधा देकर प्रो आर डी शर्मा को जन्मदिन की बधाई दी। इस अवसर पर प्रो शर्मा की तरफ से जलपान का आयोजन भी किया गया।इस कार्यकम में लगभग 50 सदस्यों ने भाग लिया ।