सरकार मूक दर्शक बनी देख रही है किसानों की बदहाली, मंडियों की अव्यवस्था ने खोली सरकारी दावों की पोल
चंडीगढ़, 18 अप्रैल – अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश की मंडियों में गेहूं की खरीद व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। ना तो उठान का कोई समुचित प्रबंध किया गया है और ना ही तिरपाल जैसी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं। परिणामस्वरूप, राज्य भर की मंडियों और सड़कों पर लाखों क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा सड़ रहा है, और सरकार हाथ पर हाथ रखकर तमाशा देख रही है।
सरकारी आंकड़े खुद बयां कर रहे हैं अव्यवस्था की कहानी
सैलजा ने कहा कि 1 अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद में अब तक 417 मंडियों में 38.93 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई, जिसमें से सिर्फ 8.59 लाख मीट्रिक टन यानी महज 22 प्रतिशत का ही उठान संभव हो सका है। जबकि 31.52 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है, परंतु गोदामों तक इसकी पहुंच बेहद धीमी है। सरकार दावा करती रही कि हर व्यवस्था चाक-चौबंद है, लेकिन मंडियों की ज़मीनी हकीकत सरकार के दावों की पोल खोल रही है।
किसान सड़क पर, सरकार सस्ते बहानों की ओट में
सैलजा ने कहा कि सरकार की लापरवाही और एजेंसियों की निष्क्रियता के कारण किसान बेहाल हैं। मंडियों में पर्याप्त शेड या भंडारण की जगह नहीं बची है, और किसान अपनी उपज को मजबूरी में मंडियों के बाहर सड़कों पर ढेर लगाकर रखने को मजबूर हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि न तो मंडी लेबर कांट्रैक्टर (MLC) और न ही मंडी ट्रांसपोर्ट कांट्रैक्टर (MTC) की समय पर नियुक्ति हुई। सरकार की ओर से दरें ज्यादा होने का बहाना बनाकर प्रक्रिया टाल दी गई, जिससे गेहूं का उठान और भंडारण रुक गया।
मौसम की मार से भी नहीं बचा अनाज
सैलजा ने चेताया कि तिरपाल और पॉलीथिन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण यमुनानगर और अन्य जिलों में बारिश में गेहूं भीग चुका है। सिरसा जैसे क्षेत्रों में तो आज भी 80 प्रतिशत गेहूं खुले में पड़ा है, जो किसानों की मेहनत और फसल दोनों को नुकसान पहुँचा रहा है।
कथनी-करनी में अंतर ही भाजपा की असलियत
उन्होंने कहा, “भाजपा सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है। न तो प्रबंध समय पर किए गए और न ही किसानों को राहत पहुंचाने की कोई गंभीर कोशिश दिखाई दे रही है। किसानों की बर्बादी का मंजर सामने है और सरकार बेपरवाह है।”
कुमारी सैलजा ने सरकार से तुरंत प्रभाव से उठान व्यवस्था को दुरुस्त करने, बारिश से सुरक्षा के लिए तिरपाल की व्यवस्था करने और खरीद एजेंसियों को जवाबदेह बनाने की मांग की।