बिजली विभाग की लापरवाही पर जताई नाराज़गी, सरकार से स्पेशल गिरदावरी कर मुआवजे की मांग

चंडीगढ़, 19 अप्रैल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में गेहूं की फसलों में लगी आग से हुए करोड़ों रुपये के नुकसान पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही का खामियाजा प्रदेश का किसान आज तक भुगतता आ रहा है।

कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को प्रदेशभर में आग से हजारों एकड़ में गेहूं की फसल जलने की घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए तत्काल स्पेशल गिरदावरी करवा कर मुआवजा जारी किया जाए

हर साल दोहराई जाती है बिजली विभाग की लापरवाही

सांसद सैलजा ने कहा कि हर साल सरकार बिजली की ढीली तारों को कसने के नाम पर भारी बजट खर्च करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं होता। उन्होंने कहा,

“बिजली की ढीली तारों में स्पार्किंग से फसलों में आग लगती है। यह सिलसिला हर साल दोहराया जाता है, लेकिन न तो तार बदले जाते हैं, न ही कसाव का काम किया जाता है।”

उन्होंने बिजली मंत्री की उस घोषणा पर भी सवाल उठाया, जिसमें कहा गया था कि फसल कटाई के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में दिन में बिजली आपूर्ति बंद रखी जाएगी

“अगर बिजली आपूर्ति बंद थी तो फिर तारों से चिंगारी कैसे निकली? यह सरकार की नाकामी का प्रमाण है,” उन्होंने कहा।

गंभीर घटनाएं, भारी नुकसान

कुमारी सैलजा ने बताया कि

  • फतेहाबाद में बिजली लाइन में फॉल्ट के कारण 20 एकड़ फसल जलकर राख हो गई।
  • जींद में बिजली शॉर्ट सर्किट से गेहूं की फसल स्वाह हो गई।
  • अंबाला में गेहूं और चने की फसलें जलीं।
  • फरीदाबाद के बल्लभगढ़, फतेहपुर बिल्लोच, लड़ौली, शाहपुरा कला गांवों में आग ने 40-50 खेतों की खड़ी और कटी हुई फसल को तबाह कर दिया।
  • सिरसा जिले में 400 एकड़ से अधिक फसल जल गई। गांव लुदेसर, हंंजीरा, रूपावास, सुचान में किसानों को भारी नुकसान हुआ।

उन्होंने कहा कि कई मामलों में किसानों ने बिजली विभाग को पहले ही शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

किसान को प्रति एकड़ हो रहा है 75 हजार रुपये तक का नुकसान

कुमारी सैलजा ने कहा कि गेहूं की एक एकड़ फसल जलने से किसान को औसतन 75 हजार रुपये का नुकसान होता है।

“आज किसान आर्थिक रूप से टूट चुका है, ऐसे में सरकार को तुरंत स्पेशल गिरदावरी करवा कर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए,” उन्होंने सरकार से मांग की।

भविष्य में हादसे रोकने के लिए जरूरी कदम

कुमारी सैलजा ने सुझाव दिया कि सरकार को:

  • भूमिगत बिजली केबल प्रणाली को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • फसल कटाई के मौसम में नियमित निरीक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए।
  • बिजली की तारों और खंभों की समय पर मरम्मत और कसाव सुनिश्चित किया जाए।
  • किसानों को फसल बीमा और आपात राहत सहायता का वास्तविक लाभ मिले।

निष्कर्ष:

हरियाणा में फसलें जलने की घटनाएं केवल प्राकृतिक नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा हैं। सांसद कुमारी सैलजा की मांग न सिर्फ पीड़ित किसानों के लिए राहत का रास्ता खोलती है, बल्कि सरकार की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। अब देखना यह है कि सरकार किसानों की इस पीड़ा पर कितना संवेदनशील रवैया अपनाती है।

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