“अपने बच्चों और देश के भविष्य को बचाने के लिए आवाज़ उठाना ज़रूरी” – गुरिंदरजीत सिंह

गुरुग्राम, 20 अप्रैल: हरियाणा की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले गुरुग्राम में शिक्षा व्यवस्था एक गंभीर मोड़ पर खड़ी है, जहां शिक्षा का क्षेत्र व्यवसायिकता की चपेट में आता जा रहा है। इसी चिंता को लेकर समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने गुरुग्राम में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ एक व्यापक मुहिम छेड़ने की घोषणा की है।
गुरिंदरजीत सिंह, जो अर्जुन नगर निवासी हैं, ने बताया कि गुरुग्राम के कई इलाकों में कॉलोनियों के भीतर बिना अनुमति व मान्यता के स्कूल धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं। ये स्कूल न तो शिक्षा नीति का पालन करते हैं, न ही सुरक्षा मानकों जैसे फायर एनओसी को प्राप्त करते हैं। उन्होंने चेताया कि “ऐसे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की जान जोखिम में है। यदि कोई हादसा हो जाए, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”
शिक्षा बन रही व्यापार का माध्यम
गुरिंदरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि निजी स्कूल शिक्षा को सेवा नहीं बल्कि व्यापारिक मंडी बना चुके हैं। फीसों में बेतहाशा बढ़ोतरी, किताबों, यूनिफॉर्म और अन्य मदों में अनावश्यक शुल्क वसूली ने आम अभिभावकों की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा—
“शिक्षा का निजीकरण इसे गरीबों से दूर कर रहा है। शिक्षा मंदिरों को व्यापारिक मंडियों में तब्दील किया जा रहा है।”
सभी को निभानी चाहिए जिम्मेदारी
गुरिंदरजीत सिंह ने RWA, समाजसेवियों और नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और अपने क्षेत्रों में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की पहचान कर प्रशासन को शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने बताया कि कुछ निजी स्कूलों ने अपनी अवैध एसोसिएशन बनाकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें भी शुरू कर दी हैं।
“हम किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह बच्चों के भविष्य और सुरक्षा से जुड़ा मामला है।”
संविधान और शिक्षा नीति के अनुरूप हो संचालन

उन्होंने जोर दिया कि देश का संविधान सभी के लिए समान है और शिक्षण संस्थानों को भी इसी संविधान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत संचालित होना चाहिए। उन्होंने अपील की कि ऐसे सभी स्कूल जो शिक्षा नीति और सरकारी मानकों की अवहेलना कर रहे हैं, उन्हें तुरंत बंद किया जाना चाहिए।
सरकार और प्रशासन से कार्रवाई की मांग
गुरिंदरजीत सिंह ने हरियाणा सरकार, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मांग की कि वे इस संवेदनशील मुद्दे पर कड़ा संज्ञान लें और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर त्वरित कार्रवाई करें। उन्होंने यह भी मांग की कि शिक्षा को व्यापार से अलग कर इसे एक पवित्र सेवा के रूप में पुनः स्थापित किया जाए।
निष्कर्ष:
गुरुग्राम में शिक्षा की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए समाजसेवी गुरिंदरजीत सिंह ने गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। उनकी इस मुहिम को सामाजिक संगठनों, RWA और आम नागरिकों से समर्थन मिलना अब आवश्यक हो गया है, ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके और शिक्षा को एक बार फिर से सेवा का माध्यम बनाया जा सके।