गुरुग्राम, 21 अप्रैल 2025 – भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) गुड़गांव इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल आज नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग से मिला और शहर में रेहड़ी-पटरी वालों पर हो रहे कथित उत्पीड़न के खिलाफ एक मांग पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में मेजर एस.एल. प्रजापति, उषा सरोहा, बलजीत पूनिया, योगेश और ईश्वर नास्तिक शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि नगर निगम “सौंदर्यीकरण” के नाम पर अतिक्रमण के बहाने ग़रीब मजदूर रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की रोज़ी-रोटी पर हमला कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई “केंद्रीय पथ विक्रेता अधिनियम 2014” का खुला उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट प्रावधान है कि जब तक वेंडरों को वैकल्पिक स्थान आवंटित नहीं किया जाता, उन्हें जबरन हटाया नहीं जा सकता।

“तानाशाही रवैये से उजाड़े जा रहे वेंडर”
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि नगर निगम का तानाशाही रवैया हजारों रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को उजाड़ रहा है, जिससे वे भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। निगम द्वारा जब्त किए गए सामान को भी लौटाया नहीं जा रहा और कई स्थानों पर रेहड़ियों व खोमचों को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया गया है।

जमीनी स्तर पर स्थिति भयावह
माकपा के प्रतिनिधियों ने हाल ही में एमजी रोड, इफ्को चौक, सिकंदरपुर, डीएलएफ, राजीव चौक सहित कई स्थानों पर जाकर पीड़ित वेंडरों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि कई परिवारों के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि अभिभावक फीस नहीं भर पा रहे। समय पर किराया न दे पाने की स्थिति में उन्हें मकान खाली करने की धमकी भी मिल रही है।

प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख मांगें
प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम से मांग की है कि:

  • रेहड़ी-पटरी वालों को उजाड़ने की कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाई जाए।
  • जब्त किया गया सामान यथास्थिति उन्हें वापस लौटाया जाए।
  • तोड़फोड़ से हुए नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाए।
  • वेंडरों के लिए शीघ्रता से वेंडिंग जोन चिन्हित किए जाएं ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।

प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इन मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो मजबूरन लोग सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका संघर्ष सिर्फ रोज़ी-रोटी के हक़ के लिए है, जिसे किसी भी हाल में छीने जाने नहीं दिया जाएगा।

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