
23 अप्रैल 2025, नई दिल्ली, रेवाड़ी। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए अमानवीय और बर्बर आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने इसे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा मानवता के विरुद्ध किया गया घिनौना नरसंहार बताया है।
विद्रोही ने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध बैसरन घाटी में सैर-सपाटे के लिए गए देश-विदेश के पर्यटकों पर आतंकियों ने अंधाधुंध 50 से अधिक राउंड गोलियों की बौछार कर दी, जिसमें 28 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या हो गई। मृतकों में दो विदेशी पर्यटक और दो स्थानीय मुस्लिम नागरिक भी शामिल हैं, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमला न केवल मानवता के विरुद्ध अपराध है, बल्कि जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग और वहां की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने का षड्यंत्र है। विद्रोही ने आतंकियों के इस कुकृत्य को अक्षम्य और शर्मनाक बताया तथा स्पष्ट कहा कि पूरे देश को इस आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर सुरक्षाबलों और सेना के साथ खड़ा होना होगा।
वेदप्रकाश विद्रोही ने इस घटना को लेकर केंद्र सरकार, विशेषकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कड़े सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि जब बैसरन घाटी में लगभग दो हजार पर्यटक मौजूद थे, तब सुरक्षा व्यवस्था का पूर्ण अभाव क्यों था? उन्होंने यह भी पूछा कि एक केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया तंत्र की ऐसी चूक कैसे हुई? इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा?
विद्रोही ने इस हमले में जान गंवाने वाले सभी पर्यटकों के परिजनों के प्रति गहरी शोक-संवेदना व्यक्त की तथा मृतकों की आत्मा की शांति एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की।