केंद्रीय राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर और हरियाणा के सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा रहे शामिल

चंडीगढ़, 24 अप्रैल – केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर की अध्यक्षता में आज चंडीगढ़ में सहकारिता क्षेत्र की प्रगति और विस्तार को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सहकारी संस्थाओं को पारदर्शी, प्रभावशाली और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

श्री गुर्जर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सहकारी संस्थाओं की कार्यप्रणाली को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ऑडिट प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी ऑडिट प्रक्रियाएं अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संचालित होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश की पैक्स की समस्याओं की पहचान कर उन्हें मॉडल के रूप में विकसित किया जाए और उनकी आय बढ़ाने की दिशा में ठोस योजनाएं तैयार की जाएं।

उन्होंने कहा कि अन्न भंडारण योजना को भी गति देने हेतु अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

श्री गुर्जर ने जीवन औषधि केंद्रों की स्थापना के लिए ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि फिलहाल केवल 8 केंद्रों को लाइसेंस प्राप्त हुआ है, जबकि आवश्यकता है कि अधिक से अधिक पैक्स को इस योजना से जोड़ा जाए। इसके अतिरिक्त, 9 एफपीओ का पंजीकरण किया जा चुका है और उनकी वेबसाइट निर्माण की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है, ताकि उनके व्यापार को विस्तार मिल सके।

बैठक में राज्य के सहकारी बैंकों के आधुनिकीकरण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि बैंकों को तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जाए और किसानों को दिए जाने वाले ऋणों पर 85% तक की गारंटी का लाभ सुनिश्चित किया जाए। पैक्स को माइक्रो एटीएम सुविधा से जोड़कर ग्रामीण उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर प्रदेशभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिससे सहकारिता की भावना जन-जन तक पहुँच सके।

बैठक में हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा ने भी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 2500 नए पैक्स खोलने का लक्ष्य प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूर्ण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फेडरेशन से अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने हेतु कार्य योजनाएं इस प्रकार बनाई जाएं कि सभी हितधारकों को समान सहयोग प्राप्त हो।

उन्होंने गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की श्रेष्ठ सहकारी व्यवस्थाओं का अध्ययन कर उन्हें हरियाणा में लागू करने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने ‘वीटा पार्लर’ को आधुनिक स्वरूप में विकसित कर शहरी क्षेत्रों की सोसायटियों में स्थापित करने के निर्देश दिए। मंडियों के नियमित निरीक्षण को अनिवार्य मानते हुए उन्होंने कहा कि इससे आमजन को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे पूर्ण समर्पण भाव से कार्य करते हुए प्रदेश की सहकारी प्रणाली को मजबूती प्रदान करें।

बैठक के दौरान उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पैक्स के माध्यम से नागरिकों को दी जाने वाली 25 सेवाओं को प्रभावी, सरल और निर्बाध रूप से लागू किया जाए, ताकि आमजन को इन योजनाओं का प्रत्यक्ष और सुगम लाभ मिल सके।

इस बैठक में सहकारिता विभाग की आयुक्त एवं सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, हरियाणा सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार श्री राजेश जोगपाल, हैफेड के प्रबंध निदेशक श्री मुकुल कुमार, क्षेत्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. राजीव कुमार सहित सहकारिता विभाग से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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