दोनों पक्षों के आपसी राजीनामे से होगा मामलों का निपटारा : श्री रमेश चंद्र, सचिव डीएलएसए

गुरुग्राम, 24 अप्रैल- अदालतों में सालों से लंबित पड़े मामलों को जल्दी और आपसी सहमति से निपटाने की दिशा में एक और पहल करते हुए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 10 मई को गुरुग्राम में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।

इस अवसर पर वादकारी अपने मुकदमों को बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के, समझौते के ज़रिए सुलझा सकते हैं। वे खुद या अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अदालत में पेश होकर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव रमेश चंद्र ने बताया कि इस लोक अदालत का उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों को आपसी समझदारी और सौहार्दपूर्ण माहौल में निपटाना है। उन्होंने बताया कि ऐसे मामले जिनमें दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं, लोक अदालत उनके लिए एक बेहतरीन मंच है। इस अदालत में बैंक लोन, मोटर वाहन दुर्घटनाएं, चेक बाउंस से जुड़े मामले, फौजदारी विवाद, राजस्व मामले, और वैवाहिक झगड़े जैसे विषयों पर सुनवाई की जाएगी।

रमेश चंद्र ने कहा कि लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है, और उस पर कोई अपील नहीं की जा सकती — जिससे न्यायिक प्रक्रिया में समय और खर्च दोनों की बचत होती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों का मकसद ‘जीत-हार’ का फैसला नहीं, बल्कि दोनों पक्षों की सहमति से न्यायपूर्ण समाधान तलाशना होता है। यही कारण है कि बीते वर्षों में लोक अदालतें आम लोगों के बीच एक भरोसेमंद विकल्प बनकर उभरी हैं।

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