शिक्षा निदेशालय ने दिए तत्काल कार्रवाई के सख्त निर्देश

पंचकूला, 25 अप्रैल 2025। हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश भर में बिना मान्यता संचालित हो रहे स्कूलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय ने साफ कहा है कि कोई भी विद्यालय राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त किए बिना संचालित नहीं किया जा सकता।

25 अप्रैल को डीजीईई और डीएसई के नेतृत्व में प्रवेश उत्सव की समीक्षा बैठक के दौरान यह खुलासा हुआ कि प्रदेश के कुछ जिलों में अब भी कई विद्यालय बिना वैधानिक स्वीकृति के संचालित हो रहे हैं। यह शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 18 का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें उल्लेख है कि “कोई भी विद्यालय उपयुक्त प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त किए बिना स्थापित या संचालित नहीं किया जा सकता।”

निदेशालय ने दिए ये सख्त निर्देश:

  • कोई भी विद्यालय बिना मान्यता के संचालित नहीं होना चाहिए।
  • प्ले स्कूलों में 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को कक्षा 1 से पढ़ाया जाना अवैध है; इसे तुरंत बंद किया जाए।
  • अगर विद्यालय समय में कोई NGO अथवा अन्य संस्था बिना स्वीकृति के शिक्षण कार्य कर रही हो, तो उसे भी तुरंत रोका जाए।
  • गैर-मान्यता प्राप्त विद्यालयों के बच्चों का निकटतम सरकारी विद्यालयों में स्थानांतरण कराया जाए।
  • Teaching Shop जैसी संस्थाओं की पहचान कर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

इसके अतिरिक्त सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे NGO संचालित यूनिट्स, ट्यूशन शॉप्स, प्ले स्कूल और गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची तैयार कर शीघ्र विभाग को रिपोर्ट करें। कार्रवाई शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार सुनिश्चित की जाएगी।

???? विशेष बॉक्स न्यूज़:

बिना मान्यता स्कूल चलाना अपराध

  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार बिना मान्यता के स्कूल संचालन एक दंडनीय अपराध है।
  • दोषी पाए जाने पर संचालकों पर आर्थिक दंड एवं कानूनी कार्रवाई संभव है।
  • सरकार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर कठोर कदम उठा रही है।

???? विशेष उद्धरण:

“राज्य में किसी भी कीमत पर बिना मान्यता के विद्यालय संचालन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और मान्यता प्राप्त शिक्षा का अधिकार है।”
— शिक्षा निदेशालय, हरियाणा

निदेशालय के इस कदम से यह संदेश स्पष्ट है कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार पूरी तरह गंभीर है।

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