“जब रिटायर करना ही था, तो रिटायर्ड अधिकारियों को दोबारा नियुक्त क्यों कर रही है हरियाणा सरकार?”

गुरुग्राम, 27 अप्रैल 2025: सामाजिक कार्यकर्ता माईकल सैनी ने हरियाणा सरकार से तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के तत्काल बाद पूर्व मुख्यमंत्री एम.एल. खट्टर के प्रधान सचिव रहे रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश कुमार खुल्लर को मौजूदा नायब सैनी सरकार में चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सीपीएस) नियुक्त किया गया। इससे ऑन ड्यूटी आईएएस अधिकारियों की कार्यकुशलता और क्षमता पर प्रश्नचिह्न नहीं उठते क्या?
उन्होंने सवाल किया कि जब देश के किसी अन्य राज्य में सीपीएस जैसा कोई पद अस्तित्व में ही नहीं है, तो हरियाणा में इस पद का निर्माण किनके इशारे पर और किस उद्देश्य से किया गया? क्या यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनकर आए विधायकों और मंत्रियों की गरिमा पर आघात नहीं है?
रिटायर्ड अधिकारियों के सहारे क्यों चल रही सरकार?
माईकल सैनी ने आरोप लगाया कि हरियाणा की भाजपा सरकार रिटायर्ड अधिकारियों के सहारे सरकार चला रही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या जनता ने भाजपा को इसलिए चुना था कि सेवानिवृत्त अधिकारियों के हाथों शासन की बागडोर सौंप दी जाए? जबकि अपेक्षा थी कि सरकार ऊर्जावान और योग्य अधिकारियों एवं युवाओं को अवसर देगी।
जनता के धन का दुरुपयोग:
सैनी ने कहा कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के बजाय रिटायर्ड अधिकारियों को भव्य वाहन, काफिला, सुरक्षा कर्मी और अन्य सुविधाएं देकर जनता के टैक्स का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि किस आधार पर एक रिटायर्ड अधिकारी को कैबिनेट मंत्री जैसी शक्तियां दी गईं और फिर आनन-फानन में वह आदेश वापस क्यों लेना पड़ा? इसके पीछे का सत्य सरकार को बताना चाहिए।
क्या सरकार के पास सक्षम आईएएस अधिकारी नहीं?
सैनी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर सरकार के पास ऑन ड्यूटी विश्वसनीय और सक्षम अधिकारी हैं, तो फिर सेवानिवृत्त अधिकारियों पर निर्भरता क्यों? क्या सक्रिय अधिकारी सरकार की बात नहीं सुनते?
गुरुग्राम में रिटायर्ड अधिकारियों का दबदबा क्यों?
उन्होंने आरोप लगाया कि गुरुग्राम जैसे महत्वपूर्ण जिले में हर विभाग — चाहे जीएमडीए हो, जीएमसीबीएल, एचएसवीपी, एमसीजी, रोडवेज, बिजली बोर्ड, डीसी ऑफिस या कृषि विभाग — हर जगह रिटायर्ड अधिकारियों का वर्चस्व बना दिया गया है।
रिटायरमेंट का अर्थ ही खो गया:
माईकल सैनी ने तंज कसते हुए कहा कि जब कार्य सेवानिवृत्त अधिकारियों से ही कराना है तो उन्हें रिटायर ही क्यों किया गया? क्या सरकार को प्रदेश में ऊर्जावान, मेधावी अधिकारियों की कमी महसूस हो रही है?
विकास की बजाय विनाश की दिशा में बढ़ता प्रदेश:
सैनी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इन्हीं अधिकारियों के रहते गुरुग्राम को न तो जिला अस्पताल मिल पाया और न ही बस स्टैंड। जबकि ये दोनों कार्य सरकार की प्राथमिकताओं में थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में भय, भ्रष्टाचार, लूट और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग चरम पर है। 1.20 लाख एचकेआरएनएल कर्मचारियों को स्थायी रोजगार की गारंटी तो दी गई, लेकिन अब तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए गए।
जनहित में सवाल:
अंत में माईकल सैनी ने कहा कि विकास कार्यों के बजाय सेवानिवृत्त अधिकारियों को पुनः नियुक्त करने की प्रवृत्ति समझ से परे है और यह प्रदेश के भविष्य के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।