“भोंडसी के अग्रणी पब्लिक स्कूल को किया गया सील”

“शिक्षा विभाग ने जारी किए कड़े निर्देश, अभिभावकों को अलर्ट किया”

“निजी स्कूल संचालकों ने बनाई समिति, हाईकोर्ट जाने की तैयारी”

“विधायक से मिले संचालक, सरकार की मंशा पर खड़े किए सवाल”

“क्या स्कूल बंद होंगे या कार्रवाई सिर्फ दिखावा?”

गुरुग्राम। जिले में बिना मान्यता चल रहे स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में भोंडसी स्थित अग्रणी पब्लिक स्कूल को बंद कराया गया। निरीक्षण के दौरान जब स्कूल संचालक से मान्यता से संबंधित दस्तावेज मांगे गए तो वे दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके चलते स्कूल को तत्काल बंद कराते हुए नोटिस जारी किया गया और चेतावनी दी गई कि यदि इस सत्र में छात्रों के नए दाखिले किए गए, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन ने बताया कि सरकारी निर्देशानुसार जांच के बाद पाया गया कि अग्रणी पब्लिक स्कूल के पास मान्यता नहीं है। निरीक्षण टीम में सोहना खंड शिक्षा अधिकारी संतोष देवी, सीएसी प्रभारी श्याम कुमार, जीजीएसएसएस भोंडसी की प्रधानाचार्या बीजू यादव और आईओएलएम नित्यानंद मिश्र शामिल रहे। स्कूल निरीक्षण के दौरान अभिभावकों और स्कूल प्रमुख से बातचीत की गई, लेकिन वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जा सके। छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल को तत्काल बंद करा दिया गया। अभिभावकों को सलाह दी गई कि वे अपने बच्चों का शीघ्र ही किसी मान्यता प्राप्त या सरकारी विद्यालय में नामांकन कराएं। किसी समस्या की स्थिति में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सोहना से संपर्क करने को कहा गया है।

159 स्कूल बिना मान्यता के

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 159 से अधिक स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। विभाग की ओर से ऐसे सभी स्कूलों को चिन्हित कर बंद कराने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अब तक दो स्कूलों को बंद कराया जा चुका है। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने 25 अप्रैल को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि आरटीई नियमों का उल्लंघन करने वाले और बिना मान्यता के चलने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

प्ले स्कूलों के नाम पर हो रहा अवैध संचालन

शहर क्षेत्र में कई संस्थान ‘प्ले स्कूल’ के नाम पर पहली से पांचवीं कक्षा तक की शिक्षा दे रहे हैं, जो पूरी तरह अवैध है। कुछ एनजीओ और फाउंडेशन के नाम पर भी नियमित कक्षाएं चलाई जा रही हैं। शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि केवल मान्यता प्राप्त विद्यालयों को ही नियमित शिक्षा देने की अनुमति है। प्ले स्कूलों में पांच साल से अधिक आयु के बच्चों को पढ़ाना भी नियमों के विरुद्ध है। ऐसे संस्थानों को तुरंत बंद कराने के आदेश दिए गए हैं।

निजी स्कूल संचालकों ने बनाई अपनी समिति

स्कूलों पर कार्रवाई की खबर के बाद निजी स्कूल संचालकों ने एकजुट होकर एक समिति का गठन किया है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को अस्थायी मान्यता दिलाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, राजेश राणा (लोर्ड कृष्णा पब्लिक स्कूल, राजीव कॉलोनी) और पवन नेहरा (किड्स विजडम पब्लिक स्कूल, गढ़ी गांव) के नेतृत्व में स्कूल संचालकों की बैठक हुई, जिसमें हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करने पर सहमति बनी। रिट याचिका के खर्च के लिए सभी स्कूलों से योगदान भी एकत्र किया गया।

गुरुग्राम विधायक से मिले स्कूल संचालक

सूत्रों के मुताबिक, निजी स्कूल संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा से मिला। संचालकों ने विधायक के समक्ष अपनी मांगें रखीं। विधायक ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से फोन पर बात कर स्कूल संचालकों की समस्याएं रखीं और आश्वासन दिया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

क्या सरकार स्कूल बंद करने के प्रति गंभीर है या मात्र दिखावा?

निजी स्कूल संचालकों को मिले आश्वासन से यह सवाल उठने लगा है कि सरकार बिना मान्यता वाले स्कूलों को सच में बंद करना चाहती है या फिर केवल औपचारिकताएं निभा रही है। यदि सरकार वास्तव में गंभीर है तो कड़ी और निष्पक्ष कार्रवाई जरूरी है, अन्यथा यह पूरा अभियान मात्र दिखावा बनकर रह जाएगा।

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