“एक या दो दरों वाला टैक्स सिस्टम हो अधिक प्रभावी, छोटे व्यापारियों को मिलेगी बड़ी राहत”

हिसार, 29 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला महामंत्री सुरेश गोयल ने केंद्रीय बजट 2025–26 की सराहना करते हुए कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आयकरदाताओं को दी गई राहत ऐतिहासिक है। उन्होंने बताया कि इस बजट में 12 से 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कर छूट देने का प्रावधान कर छोटे करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है।

सुरेश गोयल ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में जीएसटी दरों को तर्कसंगत और सरल बनाने की बात कही थी, जिसे लेकर देश का व्यापारी वर्ग विशेष रूप से उत्साहित है। वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक कई सुधार हुए हैं, लेकिन अब भी इस कानून में बड़े स्तर पर सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।

“एक या दो टैक्स दरों की व्यवस्था हो लागू”

उन्होंने सुझाव दिया कि वर्तमान में प्रचलित 0%, 3%, 5%, 18% और 28% जैसी कई टैक्स दरों को समाप्त कर केवल एक या दो स्लैब निर्धारित किए जाएं। उन्होंने कहा कि 3%, 5% और 18% की दरों को मिलाकर एक समान दर लागू की जा सकती है। इसके अलावा 28% की दर, जिसे विलासिता वस्तुओं पर लागू किया जाता है, उसे भी कुछ हद तक कम किया जाना चाहिए।

गोयल ने कहा कि कई कर विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री भी इस बात पर सहमत हैं कि कम टैक्स दरों से राजस्व में वृद्धि होती है, क्योंकि इससे कर वंचना की प्रवृत्ति पर लगाम लगती है और अधिक व्यापारी स्वेच्छा से कर चुकाते हैं। अनुभव बताता है कि जब भी बिक्री कर या वैट की दरें कम हुई हैं, सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।

“हरियाणा की तर्ज पर पूरे देश में सेटलमेंट योजना लागू हो”

उन्होंने हरियाणा सरकार की सेटलमेंट योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि देश के अन्य राज्यों में भी व्यापारी और कर विभाग के बीच विवादों के समाधान के लिए इसी तरह की योजना लागू की जाए, तो इससे न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि व्यापारियों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

“जीएसटी कानून का हो पूर्ण सरलीकरण”

उन्होंने जोर देकर कहा कि जीएसटी कानून का सरलीकरण और इसे अधिक सुविधाजनक बनाना अब समय की आवश्यकता है। आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाना चाहिए ताकि छोटे व्यापारियों के लिए कर प्रणाली आसान हो सके और देश में कर अनुपालन बेहतर बन सके।

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