कांग्रेस नेता एवं पटौदी विधानसभा प्रत्याशी पर्ल चौधरी का प्रेस वक्तव्य
“मेयर के सलाहकार पद की नियुक्ति रद्द होना संविधानिक नैतिकता और जनआवाज़ की जीत है”

गुरुग्राम, 30 अप्रैल, 2025 – गुरुग्राम नगर निगम (MCG) द्वारा मेयर के पति श्री तिलक राज मल्होत्रा की ‘सलाहकार’ के रूप में की गई विवादास्पद नियुक्ति को राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद वापस लेना जनता की आवाज़, संवैधानिक मर्यादा और लोकतांत्रिक चेतना की जीत है।
हम कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के लोग बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के बताए मार्ग—“शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो”—पर चलते हुए भाजपा शासित हरियाणा सरकार को इस असंवैधानिक निर्णय को वापिस लेने के लिए मजबूर करने में सफल हुए।
मैंने दिनांक 22 अप्रैल को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इस मामले को सार्वजनिक रूप से उठाया था और पूछा था कि क्या गुरुग्राम नगर निगम को चलाने के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता है या फिर परिवारवाद की छाया में फैसले लिए जाएंगे? यह सिर्फ एक पद की बात नहीं थी, बल्कि महिलाओं के संवैधानिक प्रतिनिधित्व, पारदर्शी प्रशासन और जनहित से जुड़ा एक गंभीर सवाल था।

देश के प्रमुख समाचार पत्र—इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदू, ट्रिब्यून, द प्रिंट, दैनिक भास्कर, —और स्थानीय अख़बार—भारत सारथी, गुस्ताखी माफ़ व दक्ष दर्पण—ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। यह जन-संवेदना और मीडिया की सजगता ही थी जिसने सरकार को विवश किया कि 21 अप्रैल को जारी आदेश को 29 अप्रैल की मध्यरात्रि को रद्द किया जाए।
यह फैसला यह सिद्ध करता है कि यदि हम संविधान की रक्षा के लिए संगठित होकर आवाज़ उठाएं, तो बदलाव संभव है।
मैं गुरुग्राम की जनता और हर उस नागरिक को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने इस मुद्दे पर जागरूकता दिखाई और हमारे साथ खड़े रहे।
यह स्पष्ट संदेश है—जनता के पद पारिवारिक जागीर नहीं हैं। यह जन-विश्वास की अमानत हैं, जिन्हें संविधान के अनुसार संचालित किया जाना चाहिए।
हमारी लड़ाई सिर्फ एक नियुक्ति के खिलाफ नहीं थी, यह उस सोच के खिलाफ थी जो सत्ता को रिश्तों की थाली में परोसती है। हम आगे भी ऐसे हर अन्याय और पक्षपात के खिलाफ आवाज़ उठाते रहेंगे, और हरियाणा में न्यायपूर्ण, पारदर्शी और जवाबदेह शासन की स्थापना के लिए संघर्षरत रहेंगे।