गुरुग्राम के युवा को मिला कूटनीतिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वोच्च सम्मान, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक शांति जैसे विषयों पर रखे विचार

गुरुग्राम, 1 मई (अशोक ):गुरुग्राम जिला बार एसोसिएशन और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से जुड़े युवा अधिवक्ता अंकुर शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने हाल ही में अजरबैजान की राजधानी बाकु में आयोजित चार दिवसीय “डिप्लोमैटिक ट्रेनिंग प्रोग्राम” में भाग लेकर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इस उपलब्धि से न केवल हरियाणा बल्कि पूरे भारत का नाम विश्व पटल पर चमका है।
बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्यों परम तप मुदगिल, नरेश दीक्षित, जितेंद्र कौशिक, राहुल शर्मा, मुकेश सैनी, अंकित शर्मा, अश्विनी शर्मा सहित अनेक अधिवक्ताओं ने अंकुर शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि युवा अधिवक्ताओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।
क्लाइमेट एक्शन और वैश्विक शांति जैसे मुद्दों पर रखे विचार
अंकुर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन (Climate Action), सतत विकास (Sustainable Development), शांति स्थापना (Peace Building) और अंतरराष्ट्रीय संबंधों जैसे विषयों पर वैश्विक प्रतिनिधियों को मंच प्रदान करना था। उन्होंने इन मुद्दों पर भारतीय दृष्टिकोण से प्रभावशाली विचार रखे, जिसे आयोजन समिति ने सराहा और उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया।
पहले भी देश का नाम कर चुके हैं रोशन
यह पहली बार नहीं है जब अंकुर शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की हो। इससे पूर्व भी वे मलेशिया, बांग्लादेश, दुबई, कतर और सिंगापुर जैसे देशों में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेकर कई गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुके हैं।
अंकुर के पिता स्वयं गुरुग्राम बार में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और पिछले कई दशकों से विधि क्षेत्र में सक्रिय हैं। पिता-पुत्र की यह जोड़ी न केवल विधि क्षेत्र में उत्कृष्टता का उदाहरण है, बल्कि समाज सेवा और राष्ट्र गौरव का प्रतीक भी बन चुकी है।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
अपने वक्तव्य में अंकुर शर्मा ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवादियों और उनके संरक्षक पाकिस्तान के खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि भारत की छवि शांति प्रिय राष्ट्र की है, लेकिन जब देश पर खतरा हो, तो कठोर निर्णय भी आवश्यक हैं।