पहली ही बारिश ने खोली भाजपा सरकार की 11 साल की नाकामी की पोल : कांग्रेस नेता पर्ल चौधरी
2 मई 2025 – गुरुग्राम में गर्मियों की पहली बारिश ने ही शहर की जर्जर व्यवस्था और भाजपा सरकार की खोखली विकास नीतियों की पोल खोल दी है। सड़कें तालाब बन चुकी हैं, ट्रैफिक जाम ने जनजीवन ठप कर दिया है, और जनता को फिर एक बार भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि केवल अप्रैल 2025 में हरियाणा को मिले ₹14,057 करोड़ GST में से अकेले ₹5,600 करोड़ गुरुग्राम ने दिए — यानी लगभग ₹190 करोड़ प्रतिदिन। इसके बावजूद, इस ‘मिलेनियम सिटी’ की हालत गांवों से भी बदतर है।
भाजपा की 11 साल की कुशासन की लिस्ट बहुत लंबी है:
जिला नागरिक अस्पताल – कोई सुधार नहीं, सुविधाएं आज भी न के बराबर।
गुरुग्राम बस स्टैंड – वर्षों से जर्जर, कोई उन्नयन नहीं।
मेट्रो विस्तार – एक इंच तक नहीं बढ़ी।
सरकारी स्कूल – पटौदी, फर्रुखनगर, सोहना और गुरुग्राम में या तो बंद हो रहे हैं या आपस में मिला दिए गए हैं। शिक्षा को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, बिनोला – केवल घोषणा, ज़मीनी हकीकत शून्य।
बंधवाड़ी का कूड़े का पहाड़ – शनिवार रात से जल रहा है, अरावली की जंगलों को तबाह कर रहा है, और लोगों के फेफड़ों में ज़हर भर रहा है।
2025-26 के बजट में नया ‘भविष्य विभाग’ – भविष्य की बात करते हैं, लेकिन पिछले 11 साल की ग़लतियों को सुधारने की कोई मंशा नहीं।
और अब पटौदी विधानसभा के ग्रामीण इलाके भी भाजपा की नाकामी का खामियाजा भुगत रहे हैं। बिलासपुर के पास नेशनल हाईवे निर्माण कछुए की चाल से चल रहा है, जिससे पठरेड़ी, राठीवास, भुडका, डिनोकरा, सिद्धरावली, बोहरा कलां समेत अनेक गांवों की लगभग 20,000 परिवारों की ज़िंदगी घुट-घुट कर जीने को मजबूर है। रास्ते जाम, धूल, गड्ढे और असुविधाएं हर दिन का हिस्सा बन चुके हैं।
यह है 2025 का गुरुग्राम —
एक ऐसा शहर जिसे भाजपा सरकार ने अपने 11 साल के कुशासन में डूबता, घुटता और बर्बाद होता शहर बना दिया है।
नव-निर्वाचित मेयर को जनता ने भारी समर्थन दिया, लेकिन राज्य सरकार की निष्क्रियता ने नगर निगम को भी बेबस कर रखा है।
भाजपा का तथाकथित ‘विकास’ अब पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। जनता को अब बहकावे नहीं, जवाब चाहिए।
समय आ गया है हिसाब लेने का।
यह बारिश केवल सड़कों को नहीं, भाजपा सरकार की असलियत को भी उजागर कर गई है।