सरकार की मिलीभगत से ईमानदार अफसर का तबादला, कांग्रेस की न्यायिक जांच की मांग
गुरुग्राम, 2 मई 2025 — कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री पर्ल चौधरी ने मानेसर नगर निगम को स्वच्छता रैंकिंग में पहले स्थान पर आने को ” मानेसर की जनता के साथ हुए सफ़ाई घोटाले को वैधता देने की कोशिश” बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अवॉर्ड जमीनी सच्चाई का मज़ाक उड़ाता है और सरकारी तंत्र को ठेकेदार लॉबी के सामने झुकता हुआ दिखाता है।
“जब मानेसर नगर निगम चुप है और भ्रष्टाचार के आरोप में दंडित ठेकेदार चहक रहा है, तो समझिए दाल नहीं पूरी रसोई ही काली हो चुकी है!”
उन्होंने कहा, “29 अप्रैल को जब नगर निगम की कमिश्नर श्रीमति रेणु सोगान जी ने सफाई एजेंसी आकांक्षा एंटरप्राइजेज पर करीब साढ़े चार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया, तब निगम के सोशल मीडिया हैंडल से इसे सार्वजनिक भी किया गया। लेकिन महज तीन घंटे में सरकार ने उनकी कुर्सी छीन ली। यही नहीं, उनके आईएएस पति श्री हितेश मीणा का भी ट्रांसफर गुड़गाँव से चंडीगढ़ कर दिया गया। यह कोई संयोग नहीं, बल्कि सत्ता के संरक्षण में चल रही साजिश का परिणाम है।”
जातिगत पक्षपात का भी संदेह
श्रीमति पर्ल चौधरी ने इस पूरे घटनाक्रम को सामाजिक न्याय और प्रशासनिक प्रतिशोध के दृष्टिकोण से भी चिंताजनक बताया उन्होंने कहा श्रीमति रेणु सोगान जी और उनके पति आईएएस अधिकारी श्री हितेश मीणा जी दोनों 2019 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और अनुसूचित जनजाति समुदाय से आते हैं ऐसे में जब एक ईमानदार महिला अफसर को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने पर तबादला करके दंडित किया जाता है और वह भी इतनी जल्दी बाजी में तो यह केवल प्रशासनिक प्रतिशोध ही नहीं बल्कि सामाजिक पक्षपात का भी संकेत देता है सरकार को या स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह कार्रवाई केवल एक रसूखदार एजेंसी को बचाने के लिए की गई है या इसमें जातीय भेदभाव भी शामिल था क्या यह लोकतंत्र है या सत्ता का दमनकारी रूप ?
नगर निगम का गठन भी सवालों के घेरे में श्रीमति
पर्ल चौधरी ने मानेसर नगर निगम के गठन पर भी गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि निगम का गठन अपने आप में विवादित रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार ने निगम के गठन के लिए आवश्यक जनसंख्या, बुनियादी ढांचे और नगरीय संसाधनों के मानकों की खुलेआम अनदेखी की। ऐसा लगता है कि इसका उद्देश्य केवल मानेसर क्षेत्र की पंचायतों में पड़े पुरखों के धन और पंचायती जमीन पर कब्जा जमाना था।”
उन्होंने कहा कि “नगर निगम गठन से लेकर अब तक इसकी कार्यप्रणाली जनता की नजर में एक संगठित घोटाले की तरह रही है। आज जब शहर गंदगी, सफाई कर्मचारियों को वेतन बकाया और वृहत पैमाने पर अव्यवस्था से जूझ रहा है, तब यह ‘पोर्टल वाला नंबर वन’ का तमगा, लोकतंत्र की आत्मा के साथ किया गया मखौल है।”
न्यायिक जांच की मांग
कांग्रेस नेत्री ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि मानेसर नगर निगम के गठन से लेकर सफाई कार्यों में लगी एजेंसी आकांक्षा एंटरप्राइजेज को दिए गए टेंडर, भुगतान और कार्य प्रदर्शन की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में करवाई जाए।
“यदि सरकार ने जल्द न्यायिक जांच की घोषणा नहीं की, तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर आंदोलन करेगी और विधानसभा में यह मुद्दा पूरी ताकत से उठाएगी,” पर्ल चौधरी ने स्पष्ट किया।
भाजपा का ट्रिपल इंजन — भ्रष्टाचार, भय और बदले की ट्रांसफर नीति!”
पहला इंजन घोटाले चलाए,
दूसरा इंजन ईमानदारों को डराए,
तीसरा इंजन तबादले करवाए!”