गुरुग्राम, 3 मई- महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज जिला गुरुग्राम में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए समाज की सोच में परिवर्तन लाना था।
कार्यशाला में विशेषज्ञों जैसे संचिता शर्मा, डॉ. पुनीत ग्रेवाल, मृगांका और नितेश शर्मा ने अपने विचार प्रस्तुत किए और बताया कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए समाज को मानसिक स्तर पर बदलाव लाना होगा। इसके लिए 8 मुख्य बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जिनमें जागरूकता, रिपोर्टिंग व्यवस्था, समुदाय की भागीदारी और सरकारी सहयोग जैसे विषय शामिल हैं।
कार्यशाला में गुरुग्राम जिले की महिला सरपंचों ने सक्रिय भागीदारी की। उन्हें ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में उनकी भूमिका की जानकारी दी गई। यह बताया गया कि वे हर महीने कम से कम दो कार्यक्रम आयोजित करें, बेटियों के जन्म पर सामुदायिक समारोह करवाएं, और स्कूल से बाहर की लड़कियों की पहचान कर उन्हें शिक्षित करें।
विशेष रूप से ‘104 हेल्पलाइन’ पर सूचना देने की व्यवस्था को प्रभावशाली रूप से लागू करने की अपील की गई ताकि कन्या भ्रूण हत्या जैसी घटनाओं की तुरंत सूचना मिल सके।
कार्यक्रम में राज्य स्तर से आए PNDT नोडल अधिकारियों ने भाग लिया और विभाग की तरफ से अनुपमा वाधवा (जिला समन्वयक), सुप्रिया (सुपरवाइजर) समेत सभी अधिकारी उपस्थित रहे। अंत में सभी उपस्थितों ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शपथ ली और समाज में बेटियों की सुरक्षा व सशक्तिकरण का संकल्प लिया।