हकृवि और सीआईआरबी ने समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर-शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मिलकर करेंगे कार्य
हिसार 7 मई – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र (सीआईआरबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू का मुख्य उद्देश्य शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्रों को बढ़ावा देना है। इसके अन्तर्गत शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में विकसित नवीनतम तकनीक दोनों संस्थान शोधार्थियो ओर वैज्ञानिकों को उपलब्ध करवाएंगे। कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज की उपस्थिति में केंद्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र से संस्थान निदेशक डॉ. यशपाल एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने हस्ताक्षर किए जबकि हकृवि से मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश कुमार व कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.के. पाहुजा ने हस्ताक्षर किए।
कुलपति प्रो. काम्बोज ने समझौता ज्ञापन की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस समझौते के तहत दोनों संस्थाओं के शोधार्थी और वैज्ञानिक मिलकर शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में विकसित की जाने वाली नवीनतम तकनीक हेतु शोध कार्यों को गति प्रदान कर सकेंगे। भैंस अनुसंधान संस्थान केन्द्र के शोधार्थी व वैज्ञानिक विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में एक साथ शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे, जिससे प्रदेश एवं देश के पशुपालकों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने देश के भीतर और बाहर प्रतिष्ठित शैक्षणिक अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग की प्रक्रिया निरंतर जारी है ताकि इसकी अनुसंधान और प्रशिक्षण गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके तथा समझौतों के तहत हम आपसी हित के क्षेत्रों की पहचान करके भविष्य में आगे बढ़ सकें। उन्होंने बताया कि हमें वर्तमान वैश्वीक रुझानों के संदर्भ में उभरती कृषि आवश्यकताओं का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने भारतीय कृषि की विविधताओं से उत्पन्न चुनौतियों तथा उनके समाधान के लिए सुनियोजित एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी बल दिया। ज्ञात रहे कि हकृवि के सायना नेहवाल प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान से प्रशिक्षण संबंधी समझौता सीआईआरबी से पहले से है।
केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. यशपाल ने बताया कि हकृवि के शोधार्थी और वैज्ञानिक संस्थान द्वारा भैंस पालन, प्रजनन पोषण, रोग प्रबंधन तथा जैव प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए जाने वाले अनुसंधान कार्यों में भाग ले सकेंगे। इस अवसर पर ओएसडी डॉ अतुल ढींगड़ा, अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग, स्नातकोत्तर शिक्षा अधिष्ठाता डॉ. डॉ. केडी शर्मा, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, आईपीआर सैल के प्रभारी डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. रेणू मुंजाल, डॉ. जितेंद्र भाटिया, डॉ. अनुराग तथा केन्द्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नवनीत सक्सेना व रिसर्च एसोसिएट अर्पित तनेजा उपस्थित रहे।