
गुरुग्राम। शहर में स्कूली बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने खुलासा किया है कि गुरुग्राम में हजारों स्कूल वैन बिना वैध परमिट और फिटनेस प्रमाण पत्र के चल रही हैं। उन्होंने कहा कि 7 सीटर गाड़ियों में 12 से 15 बच्चों को भरा जाता है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को गहरा खतरा है।
गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि अधिकांश वैन चालक प्रेशर हॉर्न का उपयोग करते हैं, जिससे कॉलोनियों में रहने वाले बुज़ुर्गों और बीमार लोगों को परेशानी होती है। यह मोटर वाहन अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है, जिसमें ₹10,000 तक का चालान हो सकता है, परंतु प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।
उन्होंने आशंका जताई कि यह पूरा सिस्टम मिलीभगत से चल रहा है। “न तो इन चालकों के पास परमिट होते हैं, न ही फिटनेस सर्टिफिकेट, और न ही कोई फायर सेफ्टी उपाय। इन वाहनों में सीएनजी किट के ऊपर तक सीटें लगाकर बच्चों को ठूंसा जा रहा है,” उन्होंने कहा।
स्कूल वैन के नाम पर व्यवसाय, सुरक्षा गायब
शहर के छोटे-बड़े निजी स्कूलों में कम से कम 15 से 50 वैन तक तैनात हैं, जो हज़ारों बच्चों को लाती-ले जाती हैं। इन वैनों में न तो सुरक्षा बेल्ट होते हैं, न फर्स्ट-एड किट, और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। बच्चों की सुरक्षा पूरी तरह भगवान भरोसे है।
हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को लगाई थी फटकार
गौरतलब है कि नवंबर 2021 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ‘सुरक्षित स्कूल वाहन नीति’ के अनुपालन में लापरवाही पर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि एक सप्ताह के भीतर सभी स्कूलों को पॉलिसी के मानकों के अनुरूप व्यवस्था कर रिपोर्ट आरटीए को सौंपनी होगी, अन्यथा संबंधित स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार होंगे।
गुरुग्राम में यातायात अव्यवस्था की वजह भी ये वैन
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि इन अवैध वैनों के कारण सिद्धेश्वर चौक, खांडसा रोड, न्यू कॉलोनी मोड़, सुशांत लोक, गैलरिया और डीएलएफ जैसे इलाकों में सुबह और दोपहर के समय भीषण जाम लगता है। इसके चलते न केवल आमजन परेशान हैं, बल्कि आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित होती हैं।
प्रशासन से की गई सख्त कार्रवाई की मांग
गुरिंदरजीत सिंह ने जिला प्रशासन, आरटीए और ट्रैफिक पुलिस से मांग की कि वे बिना परमिट और मान्यता के चल रही स्कूल वैनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने स्कूल संचालकों को भी चेताया कि वे सुनिश्चित करें कि उनके स्कूल से जुड़ी कोई भी वैन बिना वैध परमिट के न चलें।
“यह बच्चों की जान का सवाल है। यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसका ज़िम्मेदार कौन होगा — प्रशासन, स्कूल प्रबंधन, वैन चालक या फिर अभिभावक?” उन्होंने प्रश्न उठाया।