जंग की आहट से पहले ही महंगाई की मार, खाद्य व जरूरी वस्तुओं की कीमतों में उछाल पर जताई चिंता

गुरुग्राम, 8 मई 2025 – देश इस समय पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के कारण बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहा है। वहीं, इस संकट की घड़ी में कुछ व्यापारी आपदा को अवसर में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। यह कहना है गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह का।
उन्होंने कहा कि सेना द्वारा आतंक के अड्डों को तबाह करने के बाद देशभर में युद्ध जैसी स्थिति बनती जा रही है और राष्ट्रीय स्तर पर मॉक ड्रिल करवाई जा रही हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने नागरिकों को तीन महीने तक का खाद्य भंडारण करने की सलाह दी है। पर इसके चलते कुछ लालची व्यापारी कालाबाजारी पर उतर आए हैं।
गुरिंदरजीत सिंह ने चिंता जताते हुए कहा, “जंग अभी शुरू भी नहीं हुई और बाज़ार में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। दवाइयों से लेकर राशन तक, सब कुछ धीरे-धीरे महंगा होता जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि संकट के समय कुछ लोग मुनाफा कमाने की सोचते हैं, न कि देश के साथ खड़े होने की।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब पहलगाम हमला हुआ, तब स्थानीय टैक्सी, होटल और घोड़े वालों ने यात्रियों से शुल्क नहीं लिया। दूसरी तरफ एयरलाइंस कंपनियों ने टिकट के दाम तीन गुना तक बढ़ा दिए। इससे स्पष्ट है कि कुछ सेवा प्रदाता आपदा को मुनाफे का जरिया मानते हैं।
गुरिंदरजीत सिंह ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को तत्काल एक्शन लेते हुए कालाबाजारी और जमाखोरी में लिप्त व्यापारियों पर छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि अभी ही ऐसे हालात हैं, तो युद्ध की स्थिति में यही व्यापारी आम जनता को मनमाने दामों पर जरूरी वस्तुएं बेचकर संकट को और गहरा करेंगे।
“सरकार को चाहिए कि ऐसे तत्वों पर निगरानी रखे और यह सुनिश्चित करे कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित रहें, ताकि जनता दोहरी मार — युद्ध और महंगाई — न झेले,” गुरिंदरजीत सिंह ने कहा।